जो भारत का नहीं है, जो भारत के लिए नहीं है, हमें ऐसी खरपतवार नहीं चाहिए-कैलाशचन्द्र
रायपुर, 16 नवंबर 2025। भारतीय दर्शन भेद विहीन दर्शन है। यह काला-गोरा, मोटा-पतला, स्त्री-पुरूष, बालक-बालिका में भेद नहीं करता। मौलिक दर्शन है आत्मा अजर, अमर, अविनाशी है। भारत के दर्शन …
जो भारत का नहीं है, जो भारत के लिए नहीं है, हमें ऐसी खरपतवार नहीं चाहिए-कैलाशचन्द्र Read More