पेट्रोल डीजल के दामो में वृद्धि की वजह बेतहाशा बढ़ाई गई सेट्रल एक्साइज ड्यूटी है वो कम करे

रायपुर /29 अप्रैल 2022। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अपील करने के 48 घंटा से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी किसी भी भाजपा शासित राज्यों ने अपने यहां वेट में किसी भी प्रकार की रियायत राज्य की जनता को नहीं दी है। सचाई यही है कि पेट्रोल डीजल के बढ़े दामों का मुख्य वजह सेंट्रल एक्ससाइज ड्यूटी है। मोदी सरकार  जनता को महंगाई से राहत देने के बजाये महंगाई के मुद्दे पर सिर्फ राजनीतिक बयान बाजी कर रही है।

छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के दौरान लगने वाले वैट टैक्स से कम वर्तमान में वैट टैक्स लिया जा रहा है। मोदी सरकार बनने के बाद 2014 से अब तक 250 प्रतिशत एक्ससाइज ड्यूटी को बढ़ाया गया है जिसे वापस लेने से हर क्षेत्र में दामो में कमी आयेगी। जबकि क्रूड ऑयल के दाम 2014 के 144 डॉलर के मुक़ाबले आज भी कम हैं। कमर्शियल डीजल के दामो में भी प्रति लीटर 25 रु बढ़ाया गया है। जूता, चप्पल, होजियारी समान, पुस्तक, कॉपी, स्टेशनरी को पूर्व की तरह टैक्स मुक्त करें।

रसोई गैस के दाम बीते डेढ़ साल में 300 रु से 400 रु कमर्शियल सिलेंडर के दामो 750 रु तक की वृद्धि हुई है उसे वापस ले। सभी लोकल ट्रेनों सहित एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन पूर्व की तरह हो ट्रेन की टिकटों के दामों में कटौती किया जाए । दवाई छत्तीसगढ़ में तो पहले ही वैट में कमी कर राज्य की जनता को 1 हजार करोड़ का लाभ दिया गया है। छत्तीसगढ़ में पड़ोसी राज्यो से पेट्रोल डीजल की कीमत कम है। भाजपा सरकारें भी मोदी के अपील के खिलाफ हैं ।

छत्तीसगढ़ में पेट्रोल डीजल में वेट कम करने की मांग कर रहे भाजपा पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा किस मुंह से छत्तीसगढ़ में वेट कम करने की मांग कर रही है जबकि छत्तीसगढ़ सरकार पहले ही राज्य की जनता को वेट में कमी कर 1000 करोड़ रु का राहत दे चुकी है।

रमन सरकार के दौरान लगने वाले वह टैक्स से वर्तमान में वैट की दर कम है कांग्रेस सरकार वैट में 1 रूपये की भी बढ़ोत्तरी नही किया है। उल्टे उसे 1 रूपये और 2 रूपये की कटौती किया है। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों से भी सस्ती पेट्रोल डीजल छत्तीसगढ़ में है भाजपा छत्तीसगढ़ राजनीति करने बयान बाजी कर रही है जबकि सच्चाई यह है। भाजपा शासित राज्यों एवं भाजपा के समर्थित सरकारों ने भी मोदी के वैट में कमी करनें की अपील को ठुकरा दिया है।