मोदी सरकार 8 साल में वादा निभाने में नाकाम

रायपुर/31 मई 2022। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्च में विफल और नकारा साबित हुई है। पेट्रोल और डीजल पर टैक्स लगाकर मोदी सरकार ने 27.50 लाख करोड़ कमाए। पिछले 60 दिनों में (21 मार्च से 21 मई 2022 के बीच) 10 रू. प्रति लीटर डीजल की कीमत बढ़ाई और 7 रू. प्रति लीटर कम कर दी। पेट्रोल की कीमत 60 दिन में 10 रू. प्रति लीटर बढ़ाई और 9.50 प्रति लीटर कम कर दी।

इस प्रकार जनता को बेवकूफ बना भाजपाई वाहवाही का डंका बजा रहे है। सच्चाई यह है कि कांग्रेस सरकार के अप्रैल 2014 के मुकाबले आज 8 साल बाद डीजल पर एक्साईज ड्यूटी 344 प्रतिशत बढ़ी है, और पेट्रोल पर एक्साईज ड्यूटी 110 प्रतिशत बढी है। घरेलू गैस सिलेंडर जो कांग्रेस सरकार में अप्रैल-मई 2014 में 410 रू. का था, वह आज 1000 रू. को पार कर गया है। उज्जवला बहनों का गैस सिलेंडर 800 रू. का कर भाजपाई ताली बजवा रहे हैं। पर यह नहीं बता रहे कि असल में 410 रू. का सिलेंडर 800 रू का हो गया है।

साल 2013-14 में कांग्रेस सरकार गैस पर सालाना 46458 करोड़ रू. की सब्सिडी देती थी, ताकि जनता को सस्ती गैस मिले। मोदी सरकार ने इसे पूरी तरह खत्म कर दिया। मोदी जी ने युवाओं को हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन 8 सालों में कम से कम 12.5 करोड़ नौकरियां छीन ली। भारत को साल 2028 तक 34.35 करोड़ नए रोजगार सृजन करने होंगे, यानि हर साल 3 से 4 करोड़ नई नौकरियां। मौजूदा गति से भाजपा सरकार को इतनी नौकरियां देने में 1560 साल का समय लगेगा। अकेले नोटबंदी में 50 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी चली गयी। OXFAM की रिपोर्ट के मुताबिक, बगैर सोचे-समझे लागू किए देशव्यापी लॉकडाउन में 12.20 करोड़ लोगों ने रोजगार खोया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार 8 साल में बनाई कुछ नहीं बल्कि विरासत में मिली संपत्तियों की कौड़ियों के दाम सेल कर रही है। वर्षो की कड़ी मेहनत से खड़ी की गई भारत की संपत्तियों को ‘‘औने-पौने दामों में बेचना’’ मोदी सरकार का सबसे बड़ा ‘‘राष्ट्रविरोधी’’ काम है। मोदी सरकार द्वारा भारत की 6 लाख करोड़ की संपत्तियों की सेल चौंकाने वाली है। आज देश की हर संपत्ति सेल पर लगी है-27000 किलोमीटर की हाईवे, 6,000 मेगावॉट का बिजली उत्पादन और 28,000 किलोमीटर की बिजली की लाईनें, 8,000 किलोमीटर की गैस पाईपलाईन, 210 लाख मीट्रिक टन का अनाज भंडार, 2.86 लाख किलोमीटर टेलीकॉम फाईबर और 15,000 टेलीकॉम टॉवर, 25 एयरपोर्ट, 9 पोर्ट, 761 माईनिंग ब्लॉक, 2 नेशनल स्टेडियम, 1.52 लाख करोड़ रू. मूल्य का रेलवे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार अन्नदाता किसानों की आय दोगुनी करने की बजाय, भाजपा ने किसानों के कंधों पर कर्ज को दोगुना कर दिया। 31 मार्च 2014 को हमारे अन्नदाता किसानों के कंधों पर 9.64 लाख करोड़ रू. का कर्ज बढ़कर आज 16.80 करोड़ रू. हो गया है। किसानों की औसत आय 27 रू. प्रतिदिन और प्रत्येक किसान पर औसत कर्ज 74,000 करोड़ रू. है (एनएसओ रिपोर्ट)। सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने बता दिया था कि वह किसान विरोधी है। जून 2014 में आदेश देकर धान और गेहूं का 150 रू. का बोनस बंद करा दिया।

किसानों की जमीन हड़पने के लिए एक के बाद एक, तीन अध्यादेश लाए गए। साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दिया और कहा कि लागत के 50 प्रतिशत ऊपर समर्थन मूल्य नहीं दिया जा सकता क्योंकि इससे बाजार भाव खराब हो जाएगा। मोदी सरकार ने किसानों के ऊपर तीन काले कानून थोप दिए, जिनके खिलाफ हमारे अन्नदाता किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर 378 दिनों तक आंदोलन करना पड़ा। किसान आंदोलन में 750 किसानों ने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया, लेकिन भाजपा ने उनकी शहीदी के ऊपर एक आँसू तक न बहाया। इन सबके बावजूद किसान को एमएसपी की गारंटी नहीं दी गई। अन्नदाता को आत्महत्या का अभिशाप। दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा व मोदी सरकार की किसान-खेत मजदूर नीतियों के चलते साल 2014 से 2020 के बीच 78,303 किसान-खेत मजदूर आत्महत्या का फंदा चूमने को मजबूर हो गए।