श्रमिकों का जीवन दाव पर, बीएसपी प्लांट में लापरवाही बन रही बड़ी वजह, विधानसभा में गूंजा मामला

भिलाई। विधानसभा का मानसून सत्र चल रह है। इस मानसून सत्र के विधानसभा में भिलाई नगर के युवा विधायक देवेंद्र यादव ने भिलाई का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। विधानसभा में विधायक देवेंद्र यादव ने मुद्दा उठाया है कि सेल के सबसे बड़े यूनिट भिलाई स्टील प्लांट में बार-बार दुर्घटना होती है। इन एक्सीडेंट में कई मजदूरों की मौत हो जाती है कई लोग घायल हो जाते हैं। बीएसपी में अपनी जान जोखिम में डाल कर ड्यूटी करने वाले मजदूर की मौत के बाद उनके परिजनों को बीएसपी में अनुकंपा नियुक्ति समय पर नहीं मिलती।

विधायक देवेन्द्र ने संबंधित मंत्री से पूछा कि बीएसपी में कितनी घटनाएं हुई? बीएसपी में सुरक्षा की क्या व्यवस्था है? दुर्घटनाओं का क्या कारण है? मृतकों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी क्या? जवाब में श्रम मंत्री शिव डहरिया ने बताया कि पिछले 3 सालों में भिलाई इस्पात संयंत्र में 15 मौतें हुई हैं। 9 लोग घायल हुए हैं। मंत्री ने माना कि भिलाई स्टील प्लांट द्वारा दुर्घटना वाले क्षेत्र में सुरक्षा जांच के बिना काम कराया जाता है। जबकि सुरक्षा की जिम्मेदारी भिलाई स्टील प्लांट का ही है।

इस लिए विधानसभा में विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि बीएसपी में मजदूरों के परिजनों को भी समय पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। इसके लिए राज्य स्तरीय एक समिति का गठन किया जाए। ताकि समिति इस तरह के मामलों पर सहयोग करें और समायावधि में मजदूरों के परिजनों को अनुकंपना नियुक्ति दिलाने में मदद करें। अनुकम्पा नियुक्ति दी गई है।

मंत्री शिव डहरिया ने बताया कि श्रम अधिनियम में श्रामिकों की मृत्यु पर परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं है, लेकिन श्रम विभाग मानवीय आधार पर अनुकंपा दिलाने का प्रयास करता है। नियमित मृत श्रमकों के 4 परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। मंत्री के जवाब से विधायक देवेंद्र यादव ने असंतुष्टि जताई। इसपर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भिलाई स्टील प्लांट श्रम विभाग की सुन नहीं रहा है। स्पीकर ने मंत्री से कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को कड़ाई से निर्देश दे।

40 बार हुई जांच 38 बार कमियां मिली

बीएसपी में बार-बार दुर्घटना होती है। कई मजदूरों की मौत हो जाती है और कई घायल हो जाते हैं। बीएसपी में बार बार दुर्घटना का कारण बीएसपी प्रबंधन की उदासीनता है। बीएसपी प्रबंधन ने प्लाँट में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था मुहैय्या नहीं कराया है। सुरक्षा को लेकर कई खामियां है। 2019 से लेकर 2022 तक राज्य शासन की जांच समिति ने 40 बार बीएसपी की सुरक्षा की जांच की है। लेकिन जांच में 38 बार खामियां पाई गई है। हर बार बीएसपी प्रबंधन को इस खामियों को दूर करने के लिए निर्देश किया गया लेकिन बीएसपी ने कोई पहल नहीं की।

विधानसभा अध्यक्ष ने दिए सख्त निर्देश देने का आदेश

विधायक देवेंद्र यादव के द्वारा मुद्दा उठाने पर विधानसभा अध्यक्ष ने संबंधित मंत्री को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है कि बीएसपी प्रबंधन सुन नहीं रहा है राज्य शासन के श्रम विभाग की भी बात नहीं मान रहा है इसलिए मंत्री महोदय को विधानसभा अध्यक्ष ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ सख्त से सख्त निर्देश देकर नियमों का पालन करवाया जाए।