निरंतरता ही सफलता की चाबी है-देवेंद्र यादव

मेहनत करने वाले कभी पीछे नहीं रहते-एसपी अभिषेक

30 साल बाद हुआ आडिटोरियम का संधारण

भिलाई। निरंतरता सफलता का सबसे बड़ा हथियार है। रूकना नहीं है। लगातार मेहनत करते रहना है। सेल्फ एनालिसिस करना भी जरूरी है। टाइम मैनेजमेंट करना सीखों। अपनी प्राइरिटी सेट करों। आपके लाइफ में आपके लिए क्या जरूरी है। उक्त मोटिवेशनल स्पीच भिलाई नगर के युवा विधायक देवेंद्र यादव ने दी। खुर्सीपार के कॉलेज भवन में ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है। जिसका उद्घाटन करने के साथ ही यहां एक छात्र संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में हजारों स्कूली छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

जिन्हे मोटिवेशनल स्पीच देने के लिए मुख्य वक्ता के रूप में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव सहित दुर्ग जिले के एसपी अभिषेक पल्लव, कामर्स गुरू व मोटिवेशनल स्पीकर संतोष रॉय, प्रकाश सर, सचिन सर, दुर्ग जिला अधिकारी अभय जायसवाल, पत्रकारिता जगत के जानेमाने हस्ती भिलाई हरिभूमि के ब्यूरो प्रमुख अलोक तिवारी और भिलाई टाइम्स के संपादक यशवंत साहू भी शामिल रहे। सभी ने बारी-बारी से मोटिवेशनल स्पीच दिया। अपने कॅरियम में वे कैसे आगे बढ़े, किस तरह से अपना लक्ष्य तय किया। किस तरह के संघर्षों का सामना करने के बाद आज वे इस मुकाम पर पहुंचे हैं। इन सभी विषयों पर प्रकाश डाला और साथ ही छात्र-छात्राओं को बताया कि वे कैसे अपने कॅरियर में आगे बढ़ सकते हैं। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने अपने मन उठ रहे कई सवाल भी पूछे, जिसका जवाब उन्हें वक्ताओं ने दिया। सवाल जवाब से छात्राओं नेे अपनी परेशानियों का हल जाना। इस कड़ी में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को एक छात्र ने पूछा कि आप विधायक है, कई सारे काम रहते हैं तो आप टाइम मैनेजमेंट कैसे करते है? टाइम मेनेजमेंट के बारे में बताते हुए विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि 6 घंटा सोना पर्याप्त है। इसलिए सुबह जल्दी उठना सीखे। कल क्या क्या करना है, आज तय होना चाहिए। अपनी प्राइरिटी सेट करना जरूरी है। जो भी काम करें जैसे कि आप पढ़ने बैठ हैं तो भले एक घंटे पढ़ो लेकिन उस समय पूरा फोकस पढ़ाई में रखो। पूरी इंमानदारी से 1 घंटा दो। ऐसा नहीं कि दो घंटे पढ़ने बैठे है और थोड़ा सा पढ़े फिर मोबाइल देखे फिर थोड़ा सा पढ़े। कार्यक्रम के अंत में खुर्सीपार स्कूल के शिक्षकों का यहां टॉप करने वाले विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। आयोजक समिति ने सभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट की।

कभी निराश नहीं होना

एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि कभी निराश नहीं होना। लंबी कूद मारना है तो दो कदम पीछे हटते हैं। लक्ष्य बनाकर मेहनत करना अच्छी बात है। लगातार मेहनत करते रहे। मेहनत करने वाले कभी पीछे नहीं रहते। उन्होंने अपने बारे में बताया कि वे आईआईटी और एमबीबीएस दोनों के लिए सलेक्ट हुए थे। पिता ने डॉक्टर बनाना इसलिए एमबीबीएस करने लगे। लेकिन इसमें उनका मन नहीं लगता था। कई बार नंबर बहुत कम मिले। लेकिन वे निराश नहीं हुए। मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के 12 साल बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और वे एसपी बने। उन्होंने कहा कि पढ़ाई करना जरूरी है, पढ़ाई कभी व्यर्थ नहींं होता, जीवन में हमेशा काम आता है।

अवसर की कमियां नहीं होगी

शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने बताया कि वे भी इसी खुर्सीपार के स्कूल से पढ़े हैं। पहले अवसर की कमियां थी, लेकिन अब नहीं है। खुर्सीपार के बच्चों में टैलेंट बहुत है। शिक्षा विभाग का पूरा सहयोग रहेगा। परीक्षा की तैयारी के विषय पर उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा मेहनत उतना अच्छा परिणाम मिलेगा। भौतिक शास्त्र सरल विषय है, इससे डरे नहीं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आज बच्चों के पास गूगल, यूट्यूट बादि माध्यम है, कई विषयों को समझने के लिए। उनके समय में यह सब नहीं था। ऑन लाइन पढ़ाई ठीक है अगर हम इसे पॉजिटिव तौर पर ले तो, लेकिन किताब का कोई विकल्प नहीं है।

आगे बढ़ते चले

मोटिवेशन स्पीकर संतोष रॉय ने बच्चों से कहा कि एक बार ठान लो तो आप सभी भी वह सब कर सकते हैं जो चाहते हैं। भगवान ने हमें आगे की तरह बढ़ने के लिए बनाया है। इस लिए जब भी हम कदम बढ़ाते है, आगे बढ़ाते है। इसलिए लाइफ में भी हमें आगे की तरह बढ़ते रहना चाहिए। पढ़ाई के दौरान मेाबाइल से दूर रखने की भी सलाह दी।

सफलता के चार मंत्र

सचिन ने छात्र-छात्राओं को सफलता के 4 मंत्र बताएं। उन्होंने कहा कि पाना है तो इरादा होना चाहिए। सबसे पहले क्लियारिटी होनी चाहिए। आप क्या लक्ष्य क्या है। दूसरा इस लक्ष्य को पाने के लिए छोटे-छोटे गोल बनाएं और स्टेप लेते जाएं। तीसरा एनर्जी, लक्ष्य को पाने के लिए जोश बनाएं रहे। चौथा निरंतरता होनी चाहिए। रोज लगातार मेहनत करते रहें।

हार को जीत में बदलना सीखें

हरिभूमि के ब्यूरोप्रमुख आलोक तिवारी ने बच्चों से कहा कि हार को जीत में बदलना सीखे। हार जीत जीवन में लगा रहता है। लेकिन हार कर निराश होकर बैठना नहीं है। डबल मेहनत करे और आगे बढ़े। उन्होंने अपने लाइफ के बारे में बताया कि उनका जन्म एक छोटे से गांव में एक बेहद सामान्य परिवार में हुआ। 10 वीं में एक बार में फेल हो गए थे। तब वे काफी निराश थे,लेकिन उनकी टिचर ने समझाया और वे फिर से पढ़ाई शुरू किए। और इसका परिणाम यह रहा कि जब वे 12वीं में थे तब पूरे मध्यम प्रदेश में टॉप किए थे। इसी प्रकार यशवंत साहू ने बताया कि कैसे वे सरकारी स्कूल से पढ़ कर आगे बढ़े। अपने जीवन के संघर्षों को उदाहरण स्वरूप बताकर बच्चों को प्रेरित किए।

मुख्य रूप से आयोजनकर्ता संगम यादव, असफाक अंसारी, मार्टिन, राहुल शर्मा, अय्यूब खान,अमितेश सिंह को सभी अतिथियों ने आयोजन के लिए बधाई दी ।