राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 रायपुर

राज्य का नाम – उत्तर प्रदेश

झींझी लोक नृत्य, थारू जनजाति का लोक नृत्य है, यह नृत्य नई फसल आ जाने के उपलक्ष्य में क्वाँर व भादों के महीने में गांव के प्रत्येक घर-घर जाकर महिलाओं द्वारा किया जाता है।

यह नृत्य झींझी देवी को समर्पित है। झींझी देवी कलश का ही स्वरूप होता है। जिसे सिर पर धारण कर महिलाए घर-घर जाकर नृत्य व गायन करती है तथा पुरूष वाद्य यंत्र बजाते है।

महिलाए घर-घर जाकर नृत्य व गायन करती है उन्हें भेट स्वरूप धान मक्का देते है। अंत में झींझी देवी का विसर्जन किया जाता है।

झींझीं नृत्य में घड़े सिर पर रखकर प्रत्येक घर से आटे एवं चांवल का दान लेते हुए और सभी घरों में झींझीं खेलने के बाद उस आटे व चावल को इकठ्ठा कर झींझी को एक दैवीय रूप मानकर उसे सभी महिलायें विसर्जन करने के लिए नदी में जाती है, और उसे विसर्जन कर उस आटे व चावल का पकवान बना कर सभी लोग खाते हैं।