शिव कथा: जीवन की यात्रा में सभी समस्याओं का एक हल एक लोटा जल और शिवतत्व

बलौदाबाजार/कोकड़ी – ग्राम कोकड़ी में आयोजित आशुतोष शिव कथामहापुरण के तृतीय दिवस बुधवार को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। कथास्थल में उपस्थित जनसमूह मंत्रमुग्ध होकर अंतराष्ट्रीय कथा वाचक प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले के मुखारबिंद से शिव कथा का श्रवण किया। रामुराम जायसवाल परिवार द्वारा आयोजित कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा अपने प्रवचन में बताया कि जब दुख तकलीफ की घड़ी आती है, तब जिस चीज की जरूरत होती है वहां हमें जाना पड़ता है।

सोने और चांदी, आभूषण, बर्तन अथवा संपति को सराफा या अन्य दुकान में विक्रय से पैसा लेकर उस दु:ख तकलीफ एवं आवश्यकता को दूर करने का काम करते हैं। उसी तरह दु:ख के घड़ी में अवश्य रूप से भगवान शिव के पास एक लोटा जल और चावल के दाने, बेल पत्र लेकर जाइए भगवान शिव को कुछ नहीं चाहिए बस आप श्रद्धा दीजिए सारी दुनिया में किए गए व्रत, दान का पुण्य भले फलदायी न हो परंतु भगवान शिव को चढ़ाया गए समर्पण, बेलपत्र, अक्षत और जल का फल आपके साथ जीवन भर रहेगा। उसका पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है।

आचार्य प्रदीप मिश्रा ने बताया कि कथा में भगवत का बल और भक्ति होनी चाहिए तभी उसका फल प्राप्त होता है। धर्म के धक्के खाकर जो भगवान के पास पहुंचते हैं तो भगवान भी उनका हाथ पकड़कर उन पर कृपा करते हैं। 2 जनवरी से ग्राम कोकड़ी में कड़ाके की ठंड में हजारों भक्त पंडाल में आकर कथा सुनने आए हैं। भक्त देर रात तक भजन कीर्तन करते हैं और सुबह ठंडे पानी में नहाकर शिव जाप करते हुए शिव कथा का इंतजार करते हैं। उनसे बड़ा साधु कोई नहीं हो सकता है। शिव पुराण के अनुसार शिवकथा का स्थल कैलाश का प्रतीक होता है आज कोकड़ी कैलाश स्वरूप में है जो श्रद्धालु यहां उपस्थित है उन पर भगवान शिव की विशेष कृपा है।

पंडित जी ने बताया कि जो व्यक्ति किसी स्त्री को अपशब्द बोलता है, शिवालय, मंदिर जाते हुए व्यक्ति का अपमान करता है, उसके जीवनकाल का अंतिम चरण बहुत कष्टमय बीतता है। इस दुनिया में जो ताकत स्त्री के तप, भक्ति में है वह दुनिया में कहीं नहीं है। परायणकर्ता पं प्रदीप मिश्रा ने व्यासपीठ से विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संगत का जीवन में बहोत असर होता है। तुम कहां बैठ रहे हो तुम किसके साथ बैठ रहे हो उस परिस्थितियों से उस व्यक्ति की कीमत आंकी जाती है।