भाजपा मूलतः आरक्षण विरोधी है, छत्तीसगढ़ में 76 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक राजभवन में लंबित क्यों है?

रायपुर/19 सितंबर 2023। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को सामाजिक न्याय से नफरत है। छत्तीसगढ़ की बहुसंख्यक आबादी के शिक्षा और रोजगार जैसे महत्वपूर्ण विषय से संदर्भित नवीन आरक्षण विधेयक विगत 2 दिसंबर 2022 से आज तक लंबित है, लेकिन कोई भी भारतीय जनता पार्टी का नेता महामहिम राज्यपाल से शीघ्र हस्ताक्षर की अपील करता हुआ नहीं दिखाई देता।

असलियत यह है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के षड्यंत्र के चलते ही राजभवन में नवीन आरक्षण विधेयक 9 माह से अधिक समय से दबाव पूर्वक रोका गया है। पूरे देश में भाजपा का यही चरित्र है जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में है वहां पर संवैधानिक एजेंसियों का दुरुपयोग करके, राजभवन की आड़ में चुनी हुई सरकार के द्वारा पारित महत्वपूर्ण विधेयकों को रोकने का षड्यंत्र करते हैं।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि महिला सशक्तिकरण के नाम पर भाजपा केवल राजनीति करती है, आरएसएस और भाजपा का मूल चरित्र महिला विरोधी है, आरक्षण विरोधी है। छत्तीसगढ़ में 15 साल सरकार में रहते भारतीय जनता पार्टी की रमन सरकार को महिलाओं की चिंता नहीं हुई। भूपेश सरकार ने पहले दिन से ही महिलाओं के हित में बड़े फैसले लिए हैं।

भूपेश सरकार में आंगनवाड़ी सहायिका, कार्यकर्ताओं का मानदेय लगभग दुगना हो गया है, रसोइयों के मानदेय में वृद्धि की गई है। भूपेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में सहायता राशि 25 हजार से बढ़कर 50 हजार किया गया। महिला समूहों के 12 करोड़ 70 लाख़ की ऋण माफी की गई। 85 हजार से ज्यादा महिलाओं को गोठानो में महिला समुह के माध्यम से जोड़कर आर्थिक समृद्धि के द्वार खोलें हैं।

50 हजार से अधिक महिलाओं को वनोपज प्रसंस्करण से जोड़ा गया है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 2 लाख 54 हजार स्व सहायता समूह से करीब 27 लाख महिलाएं स्वरोजगार प्राप्त कर रही हैं। महिला हितैषी होने का ढोंग करने वाले भाजपाई आज तक देश की आधी आबादी को ना कभी आरएसएस के उच्च पद के लायक समझा और न हीं भाजपा अध्यक्ष के लायक। देश में महिला सशक्तिकरण का काम कांग्रेस ने किया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर लगभग सभी सर्वोच्च पदों पर कांग्रेस सरकारों में आधी आबादी को अवसर मिला है।