गुंडे या तो सुधार जाएं वरना सुधार दिए जायेंगे: बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर में शुरू हुआ ऑपरेशन बुल्डोजर

05 दिसंबर रायपुर : वरिष्ठ भाजपा विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल का कानूनराज और महिलाओं की सुरक्षा का वादा हकीकत में दिखने लगा है।राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही रायपुर में पुलिस और निगम प्रशासन एक्शन में आ गया है। मंगलवार को निगम प्रशासन ने मोतीबाग चौक सालेम स्कूल के आस पास 50 से ज्यादा अवैध कब्जों पर बुल्डोजर चलाकर उन्हे हटा दिया। यहां कांग्रेसी गुंडों से संरक्षण प्राप्त लोगों ने सड़क और फुटपाथ पर कब्जा कर दुकानें खोल ली थी। जिस पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था। जिस कारण यहां से गुजरने वाली महिलाओं और स्कूल आने वाली लड़कियों से छेड़खानी आम बात हो गई थी।

स्कूली छात्राओं ने मामले की पुलिस और प्रशासन से शिकायत भी की थी। लेकिन भूपेश बघेल सरकार के दवाब के कारण कभी कोई कारवाई नहीं हुई। जिससे नाराज छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया था। लेकिन प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगी।
रायपुर दक्षिण से वरिष्ठ भाजपा विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा को लेकर शुरू से गंभीर रहे हैं।

राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद अब प्रशासन हरकत में आया है और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए । सालेम स्कूल के बाहर बुलडोजर चलाया। इस दौरान अवैध कब्जाधारियों की अधिकारियों से झड़प भी हुई। लेकिन उनकी एक नहीं चली। निगम प्रशासन ने 50 से ज्यादा अवैध कब्जों को हटा दिया।

श्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि रायपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में कानून राज स्थापित करना, सबको सुरक्षा देना हमारा मकसद है। कानून व्यवस्था को हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। उन्होंने गुंडों, बदमाशों, अवैध कब्जाधारियों, अतिक्रमणकारियों और नशे का कारोबार करने वालों को सख्त चेतावनी दी है की या तो वह सुधर जाए नहीं तो उनको सुधार दिया जाएगा।

श्री बृजमोहन अग्रवाल ने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से कहा है कि वो गुंडों और बदमाशों के खिलाफ निर्भीक होकर कार्रवाई करें। उन्होंने आने वाले दिनों में बुल्डोजर कार्रवाई और तेज होने की बात कही है।इससे पहले बीती रात पुलिस प्रशासन ने छोटापारा, बैजनाथपारा में दुकानों को भी तय समय सीमा रात 10:30 बजे बंद करा दिया था। इससे पहले ये देर रात तक खुली रहती थी इलाके में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता था। जिससे स्थानीय लोग डर के माहौल में जीने को मजबूर थे।