राष्ट्रीय संगोष्ठी में वृद्धाश्रम के वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान

रायपुर।  मैट्स यूनिवर्सिटी, रायपुर के हिन्दी विभाग द्वारा ’वृद्ध विमर्शः कल, आज और कल’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर वृद्धाश्रम के वरिष्ठ नागरिकोंे को सम्मानित किया गया। सम्मान पाकर वृद्धों के आंसू छलक आए। इस संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ सहति देशभर के विभिन्न राज्यों के सौ से भी ज्यादा शोधार्थियों, प्राध्यापकों, विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और अपने शोध पत्र प्रेषित किये।

मैट्स यूनिवर्सिटी के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष और प्राध्यापक डॉ. रेशमा अंसारी ने बताया कि समाज में वृद्धों के सम्मान के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से आयोजित इस संगोष्ठी में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित वृद्धाश्रम के वरिष्ठ नागरिकों को भी आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने अनुभव भी साझा किये। वरिष्ठ नागरिकों को संगोष्ठी में आमंत्रित अतिथिगणों देश की प्रसिद्ध महिला साहित्यकार अलका सरावगी, मनीषा कुलश्रेष्ष्ठ, प्रसिद्ध गज़लकार और समालोचक तथा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति न्यूयॉर्क के सदस्य श्री प्रेम भारद्वाज ज्ञानभिक्षु, कुलपति प्रो. के.पी. यादव द्वारा संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में महात्मा गांधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.एस कुरील, मूलतः इंग्लैंड निवासी वरिष्ठ प्रवासी महिला साहित्यकार जया वर्मा, सत्र अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. संदीप अवस्थी (राजस्थान), प्रसिद्ध साहित्यकार और कल्याण महाविद्यालय भिलाई के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर श्रेष्ठ शोध पत्र प्रस्तुतकर्ताओं को स्मंृति चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। निर्णायक शास. दू.ब. कन्या महाविद्यालय के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सविता  मिश्रा थीं।

मैट्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया, महानिदेशक श्री प्रियेश पगारिया, कुलसचिव गोकुलानंदा पंडा, डीन एकेडमिक डॉ. विजय भूषण ने इस आयोजन की सराहना करते हुए समाजिक कर्तव्यों के निवर्हन की दिशा में सार्थक कदम बताया। संगोष्ठी का संचालन शोधार्थी ज्योति होता और नोमेश्वरी साहू ने किया। हिन्दी विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. कमलेश गोगिया और डॉ. सुपर्णा श्रीवास्तव ने आभार प्रदर्शन किया। हिन्दी विभाग के शोधार्थी रतिराम गढ़ेवाल और निधि पाणिग्रही ने वरिष्ठ नागरिकों को परिवहन में महत्वूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर हिन्दी विभाग के प्राध्यापकगण डॉ. रमणी चंद्राकर, डॉ. सुनीता तिवारी, प्रियंका गोस्वामी सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, विद्यार्थीगण और सम्मानीय नागरिक उपस्थित थे।

डॉ. रेशमा अंसारी का गजल संग्रह इल्तिजा है मेरी विमोचित
राष्ट्रीय संगोष्ठी के अवसर पर मैट्स विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. रेशमा अंसारी के गज़ल संग्रह इल्तिजा है मेरी का विमोचन प्रसिद्ध महिला साहित्यकार अलका सरावगी, मनीषा कुलश्रेष्ठ, प्रसिद्ध गज़लकार और समालोचक प्रेम भारद्वाज, ज्ञानभिक्षु, कुलाधिपति श्री गजराज पगारिया़, कुलपति प्रो. के.पी. यादव और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुधीर शर्मा ने किया। इस संग्रह में विभिन्न समसामयिक विषयों से संबंधित 90 गज़लें सूफियाना अंदाज में संकलित हैं जो हिन्दी तथा उर्दू मिश्रित नई शैली में लिखी गई हैं। इस संग्रह में अनेक कविताएँ प्रेम और अनुभूति का संसार रचती हैं। इस संग्रह में मौसम, प्यार, बारिश, देश, परिवार, प्रकृति, पिता, किताबें, ज्ञान-विज्ञान और चंद्रयान की सफलता का सुख भी है। आशा और विश्वास के सहारे सुमिरन है।