छत्तीसगढ़ में भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को संजोने मां कौशल्या के आंगन में समारोह की भव्य तैयारी

चंदखुरी में राम वन गमन पर्यटन परिपथ का शुभारंभ 7 अक्टूबर को

माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर के विकास और सौन्दर्यीकरण का लोकार्पण भी

तीन दिवसीय भव्य समारोह में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकार देेंगे प्रस्तुतियां

स्थानीय लोक कलाकार और मानस मंडलियों भी करेंगी कार्यक्रम प्रस्तुत

  रायपुर, 05 अक्टूबर 2021/ छत्तीसगढ़ मंे भगवान राम से जुड़ी स्मृतियों को संजोने मां कौशल्या के आंगन में समारोह की भव्य तैयारी जोरों पर है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 7 अक्टूबर को चंदखुरी में राम वन गमन पर्यटन परिपथ का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही श्री बघेल माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर के विकास और सौन्दर्यीकरण का उद्घाटन भी करंेगे। इस अवसर पर आयोजित होने वाले तीन दिवसीय भव्य समारोह में राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। स्थानीय लोक कलाकार और मानस मंडलियों भी समारोह में कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगी। 
   मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर भगवान श्री राम के वनवास के दौरान छत्तीसगढ़ भ्रमण पथ के महत्वपूर्ण स्थानों को ‘राम वन गमन पर्यटन परिपथ’ परियोजना के तहत विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत चंदखुरी गाँव में स्थित प्राचीन कौशल्या माता मंदिर के सौन्दर्यीकरण और परिसर को विकसित करने के प्रथम चरण का कार्य पूरा हो गया है। 
   छत्तीसगढ़ की लोक कथाओं में भगवान राम एवं माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के अलग-अलग जगहों पर वनवास के दौरान आगमन से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। भगवान श्री राम से प्रेरित कहानियां और गीत यहां के समुदायों में पीढ़ियों से सुनाए और गाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल और उनकी माता कौशल्या का जन्म स्थान है। 
  अयोध्या से वनवास के दौरान प्रभु श्री राम ने अपना अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया था। राज्य सरकार द्वारा भगवान राम और माता कौशल्या से जुड़ी यादों को संजोने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना की कल्पना की है। इस पर्यटन परिपथ को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों को अपने हर कदम के साथ धार्मिक परिवेश के साथ छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुन्दरता का अहसास हो सके।
   राजधानी रायपुर के करीब स्थित चंदखुरी गाँव के प्राचीन कौशल्या माता मंदिर में आयोजित उद्घाटन समारोह में संगीत, नृत्य के अलावा लेजर शो और एलईडी रोशनियों के जरिए भव्य लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा। लाईट एंड साउण्ड शो के जरिए दर्शक भगवान राम के वनवास और वन गमन पथ की कहानियां सुन और देख सकेंगे। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के उद्घाटन समारोह में नृत्य, संगीत, लेजर शो एवं एलईडी रोशनियों के जरिए प्रभु श्री राम के वनवास एवं छत्तीसगढ़ में उनके प्रवास की कहानी प्रस्तुत की जाएंगी। उद्घाटन समारोह में जाने-माने गायक-संगीतकार शंकर महादेवन, मशहूर पद्मश्री भारती बंधु, गायिका कविता वासनिक अपनी प्रस्तुति देंगी। प्रभु श्री राम के भक्ति गीतों को दुनिया के कोने-कोने तक ले जाने वाली मानस (भजन) मंडली नंदकुमार साहू, मुम्बई स्थित फ्यूजन बैंड, कबीर कैफे के साथ प्रसिद्ध गायिका सुकृति सेन की जुगलबंदी भी इस कार्यक्रम के मुख्य आकर्षणों में शामिल है। भारतीय रॉक बैंड इंडियन ओसियन द्वारा छत्तीसगढ़ एवं राम वन गमन पर्यटन परिपथ के लिए इस अवसर पर विशेष रूप से तैयार किया गया गीत प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही मुम्बई स्थित प्रसिद्ध एक्रोबेटिक नृत्य समूह ‘वी अनबीटेबल’ द्वारा प्रभु श्री राम पर आधारित विशेष नृत्य का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
   उद्घाटन समारोह के उपरांत अगले दो दिन तक आयोजन से जुड़े कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से इकट्ठा हुई मानस मंडलियों का कार्यक्रम चलता रहेगा। मानस मंडली की परंपरा छत्तीसगढ़ राज्य की सांस्कृतिक परंपरा का अभिन्न अंग है। इस आयोजन में राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों के स्थानीय कलाकारों को भी भाग लेने का मौका दिया जाएगा। इन कलाकारों में वे मंडलियां भी शामिल हैं जो महाकाव्य रामचरितमानस का गायन करती है। 
   माता कौशल्या मंदिर में हर वर्ष नवरात्र के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राज्य सरकार का यह प्रयास है कि छत्तीसगढ़ अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों के लिए एक रोमांचक गंतव्य के रूप में स्थापित हो सके। 
   राज्य पर्यटन बोर्ड द्वारा तैयार की गई राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना के प्रथम चरण में भगवान राम के वनवास से जुड़े नौ स्थानों को विकसित करने की योजना है। जहां से श्री राम गुजरे थे। इन स्थलों में सीतामढ़ी-हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर और रामाराम शामिल हैं। राम वन गमन पथ के चिन्हित स्थलों को विश्व स्तर के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।