राज्यपाल सुश्री उइके विद्यार्थियों के साथ ‘‘परीक्षा पे चर्चा‘‘ कार्यक्रम में हुई शामिल

रायपुर, 01 अप्रैल 2022 : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संबोधित किए गए ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ कार्यक्रम को राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने स्कूली विद्यार्थियों के साथ राजभवन के कांफ्रेंस हॉल में सुना। राजभवन ने विद्यार्थियों को कार्यक्रम के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी परीक्षाओं को देखते हुए ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ के माध्यम से देश भर के विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए सवालों के सार्थक जवाब दिए और परीक्षा अवधि में तनाव प्रबंधन, पढ़ाई के तरीकों, सफलता और असफलता का द्वंद, अभिभावकों व शिक्षकों की भूमिका पर अपने विचार साझा किए। निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप राजभवन सचिवालय द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए राज्यपाल सुश्री उइके के साथ परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम सुनने हेतु आवश्यक व्यवस्था की गई थी।

संवाद कार्यक्रम में परीक्षा को लेकर होने वाले तनाव के संबंध में विद्यार्थियों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब देते हुए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि परीक्षा हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। ये हमारे जीवन का एक पड़ाव मात्र है। हमें इससे डरने की नहीं बल्कि आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। आप किसी भी अन्य विद्यार्थी की क्षमता और पढ़ाई से अपनी तुलना मत कीजिए। सभी की अपनी अलग-अलग क्षमता और विशेषता होती है।

ऑनलाईन शिक्षण की सीमाओं तथा सोशल मीडिया के लत पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समस्या ऑनलाईन या आफलाईन माध्यम की नहीं बल्कि, हमारे मन की है। यदि हम अपने मन पर नियंत्रण रखें और अनुशासन का पालन करें तो आनलाईन शिक्षा ज्ञान का अथाह सागर है। ऑनलाईन हमें ज्ञान पाने के तो ऑॅॅफलाईन हमें उस ज्ञान को व्यवहार में लाने का अवसर देता है। तकनीक को हमें अवसर के रूप में देखना चाहिए न कि चुनौती के रूप में।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा जिस प्रकार हम आजकल मोबाईल से जुडे़ रहते हैं। हमें जीवन में खुद से भी जुड़ना चाहिए। यह अपनी क्षमता को पहचानने और खुद को समझने का अवसर देता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस नीति में शिक्षा से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान किया गया है। यह नीति भारत के लाखों लोगों के परिश्रम का परिणाम है। इसमें उन विद्यार्थियों को भी अवसर दिया गया है जो अपनी पढ़ाई के विषयों में परिवर्तन करना चाहते हैं। इस नीति में ज्ञान के साथ कौशल को भी प्राथमिकता में रखा गया है।

अभिभावकों की अपेक्षाओं और बच्चों पर अनावश्यक दबाव के संबंध में विद्यार्थियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हर बच्चे का अपना विशेष सामर्थ्य होता है। अभिभावकों और शिक्षकों को उस सामर्थ्य को पहचानने की आवश्यकता है। बच्चों पर अपने अधूरे सपनों को न थोपें बल्कि उनके सपनों को पूरा करने में सहायता करें। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप जिस भी तरीके से पढ़ाई करने में सुविधा महसूस करते हैं, उसी तरीके से पढ़ाई करें। किसी भी अनावश्यक दबाव से दूर रहें।

सफल होने और मोटिवेशन से जुड़े सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि मोटीवेशन के लिए कोई इंजेक्शन या फार्मूला नहीं होता है। आप किसी मोटिवेशन या सहानुभूति की तलाश न करें वह केवल कुछ पल की खुशी देता है। आप अपनी क्षमताओं को स्वयं पहचानें, स्वयं उस कारण को खोजें जो आपको आनंदित और मोटिवेटेड रखता है और उसी पर निरंतर कार्य करें और आगे बढे़ं। अपने चारों ओर लोगों को देखें कि वे किस तरह कड़ी मेहनत से अपने लक्ष्य केा पूरा करते हैं, उनसे प्रेरणा लें और अपनी क्षमता और कौशल को बढ़ाएं।

अध्ययन के दौरान भूलने की समस्या पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आप कक्षा में जो कुछ भी पढ़ते हैं, पूरी तन्मयता से पढ़ें। आप कक्षा में शारीरिक और मानसिक दोनों स्थिति में मौजूद रहें। यह आपको सीखने और याद रखने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि जो वर्तमान में पूरी तरह प्रस्तुत रहता है और सीखता है, वह निश्चय ही जीवन में सब कुछ प्राप्त करता है।

प्रतियोगी परीक्षाओं और विषयों की तैयारी के संबंध में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आप जिस भी विषय की पढ़ाई कर रहे हैं उसमें महारत हासिल कर आत्मविश्वास से आगे बढ़ें। इससे आपको भविष्य में किसी भी परीक्षा के लिए अलग से तैयारी करने की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एथलीट खेल की तैयारी करता है न कि किसी प्रतियोगिता की। उन्होंने बच्चों से कहा कि आप सभी नई पीढ़ी के हैं, बेशक यहां चुनौतियां ज्यादा हैं परंतु अवसर भी ज्यादा हैं।

ग्रामीण बालिकाओं के विकास पर बोलते हुए उन्हेांने कहा कि अब वह समय नहीं है जब बालिकाओं को शिक्षा से वंचित रखा जाता है। अब छात्राओं के लिए नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं। उनका सशक्तिकरण किया जा रहा है। आज महिलाओं को परिवार का ताकत माना जाता है। उन्होंने कहा कि हम जिस परिवेश में रहते हैं उसकी स्वच्छता बेहद आवश्यक है। उन्होंने ट्रिपल पी मूवमेंट प्रो, प्लेनेट, पीपुल पर जोर देते हुए कहा कि जितने ज्यादा लोग इससे जुड़ेंगे पर्यावरण को उतना अधिक लाभ होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों के टीकाकरण की तेजी को लेकर उनकी खूब सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप अपने ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा बढ़ायें और ईर्ष्या करने की प्रवृत्ति से दूर रहें। जीवन में सफलता के लिए यह अति महत्वपूर्ण है।

गौरतलब है कि विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ प्रधानमंत्री का संवाद कार्यक्रम पिछले 5 वर्षों से लगातार केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय और साक्षरता विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों के समस्याओं के समाधान को लेकर चर्चा की जाती है। मुख्य तौर पर विद्यार्थियों में परीक्षा को लेकर होने वाला तनाव और अन्य समस्याओं के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी विद्यार्थियों से सीधा संवाद कर उनके समस्याओं का समाधान करते हैं।

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन उपरांत स्कूली विद्यार्थियों से बात की। उन्होंने विद्यार्थियों को आनंद और उत्साह के साथ परीक्षा में शामिल होने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को आत्मसात् करने को कहा। प्रधानमंत्री मोदी के विचारों का अनुकरण करने से विद्यार्थी निश्चित ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे और भय व तनाव मुक्त होकर जीवन की सभी परीक्षाओं में सफल होंगे। राज्यपाल सुश्री उइके ने विद्यार्थियों से कहा कि वे तकनीक व परंपरागत शिक्षा में समन्वय बनाएं। दोनों ही पद्धतियों की अपनी विशिष्टताएं हैं। तकनीक के माध्यम से ज्ञान के विपुल संसार से आपका परिचय होता है तथा देश-विदेश की जानकारियां आपको मिलती है, वहीं परंपरागत शिक्षा में विद्वत जनों के सहयोग से शिक्षा के साथ-साथ उनके अनुभव की भी सीख मिलती है।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि विद्यार्थी शिक्षा से विद्वता के साथ-साथ संस्कारवान बनते हैं। इस अवसर पर उन्होंने उदाहरण स्वरूप बच्चों को राजभवन की वेबसाईट का अवलोकन कराया तथा इसी प्रकार सभी संवैधानिक, गैर संवैधानिक निकायों की जानकारी व उनके अधिकारों के बारे में वेबसाईट के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने को कहा। राज्यपाल ने कहा कि केवल डिग्री लेना ही विद्वान या सफलता का मानक नहीं है, बल्कि व्यवहारिक ज्ञान अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अपने परिवेश को स्वच्छ, सुंदर बनाने के साथ ही पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनना होगा। आप सभी वृक्ष लगाएं और उसका संरक्षण भी करें।

राज्यपाल सुश्री उइके ने विद्यार्थियों को आगामी परीक्षा के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने बच्चों के आग्रह पर उन्हें ऑटोग्राफ दिया और उनके राजभवन परिसर के भ्रमण की व्यवस्था की। ‘‘परीक्षा पे चर्चा’’ कार्यक्रम में केन्द्रीय विद्यालय रायपुर, नवोदय विद्यालय माना तथा राजभवन सचिवालय में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अध्ययनरत् बच्चे एवं अभिभावक शामिल हुए।