रायपुर/ 11 मई 2022। पूर्व कृषि मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने वर्मी कंपोस्ट खाद में भ्रष्टाचार झूठे एवं मनगढ़ंत आरोप लगाकर भाजपा के किसान विरोधी चरित्र को सामने रखा है यह वही बृजमोहन अग्रवाल है जो कुछ महीने पहले गोधन न्याय योजना के तहत खरीदी गई 89 करोड़ की गोबर खरीदी पर 1500 करोड़ का घोटाला होने का आरोप लगाए थे।ऐसे फर्जी आरोपो से भाजपा नेताओं का मानसिक स्तर पता चलता है। पूर्व के रमन सरकार बाजार से 70 रु किलो में वर्मी कमोस्ट की खरीदी कर रही थी और आज गोधन न्याय योजना से दो रु किलो में गोबर खरीदी कर 11 रु किलो में वर्मी कमोस्ट मिलने पर महंगा बता रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व कृषि मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल से बयान से स्पष्ट हो गया है भाजपा नहीं चाहती कि किसान नवाचार की ओर आगे बढ़े कृषि में महंगे रसायनिक खादों के इस्तेमाल से दूर हो। एक ओर मोदी सरकार देशभर के किसानों को मांग के अनुसार रसायनिक उर्वरक की आपूर्ति नहीं कर पा रही है रासायनिक उर्वरक में मिलने वाले सब्सिडी में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी है और किसानों की उपज को खरीदना ही नहीं चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा रासायनिक खाद की आपूर्ति में की गई कटौती के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अपील पर किसानों ने खरीफ फसल के लिए वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग किया और नवाचार की ओर आगे बढ़े हैं। गोधन न्याय योजना की चर्चा देश भर में हो रही है कई प्रदेश इस योजना को अपने प्रदेश में लागू कर गोपालक गोवंश पशुधन और इनसे जुड़े वर्ग के बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं वर्मी कंपोस्ट खाद और गोबर से अन्य उत्पाद बनाकर आम लोगों को आर्थिक सक्षम बनाने काम कर रहे हैं
स्वयं प्रधानमंत्री भी इस योजना की अप्रत्यक्ष रूप से तारीफ करते हुए छुट्टा पशुओं की समस्या से ग्रसित उत्तर प्रदेश में इस योजना को लागू करने की बात किए हैं। मध्य प्रदेश पहले ही इस योजना को स्वीकार कर चुकी है देश के दर्जनभर से अधिक राज्य छत्तीसगढ़ मॉडल के गोधन न्याय योजना को देखने आए गौठान निर्माण वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण गोबर से बिजली बनाना और गोबर से अन्य उत्पाद कैसे बनाया जाता है और इसे जनता को क्या लाभ मिल रहे हैं। इसका परीक्षण करके गए हैं और अपने राज्य में से लागू करने की तैयारी कर रहे है।