रायपुर, 30 मई 2022/उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग में दूरस्थ इलाकों में नये कॉलेज खोलना प्राथमिकता है, जिससे अनुसूचित जन जातीय इलाकों के विद्यार्थियों को उनके इलाके में ही उच्च शिक्षा हासिल करना सहज हो सके। उच्च शिक्षा मंत्री पटेल आज यहां महानदी मंत्रालय भवन में उच्च शिक्षा परिषद की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने बैठक में मौजूद विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कॉलेजों के प्राचार्यों से कहा कि वे अपने संस्थानों में शार्ट टर्म रोजगार मूलक कोर्स शुरू कराएं, जिससे प्रदेश के छात्रों को फायदा मिले। उन्होंने सभी स्नातक एवं स्नातकोत्तर कक्षाओं में विद्यार्थियों को कार्ययोजना के अनुसार कम्प्यूटर प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए।
उच्च शिक्षा मंत्री पटेल ने बैठक में राज्य के शासकीय महाविद्यालयों में नैक के मूल्यांकन कार्य की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन का कार्य राज्य के कॉलेजों में तेजी से किया जा रहा है। नैक मूल्यांकन के लिए शेष रहे गए कॉलेजों के मूल्यांकन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे शीघ्र ही नैक मूल्यांकन की तिथि निश्चित कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। उन्हांंने नैक मूल्यांकन की प्रगति के लिए अधिकारियों को बधाई दी। बैठक में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत न्यू एजूकेशन पालिसी के अंतर्गत उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई।
उच्च शिक्षा मंत्री ने प्रदेश के महाविद्यालयों को बहु संकायी रोजगार मूलक सर्टिफिकेट, डिप्लोमा तथा पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम स्ववित्तीय मोड में प्रारंभ करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एकल विषय पर आधारित संस्थानों को बहुविषयक संस्थान के रूप में उन्नयन किया जाना चाहिए। उन्होंने भविष्य में बहु विषयक संस्थान ही खोले जाने पर जोर देते हुए सुकमा, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया पेंड्रा और जशपुर नगर में प्राथमिकता के आधार पर बहु विषय कॉलेज खोलने की बात कही।
बैठक में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति, राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान कार्यालय में पूर्व एवं वर्तमान में केन्द्रीकृत ऑनलाईन कक्षाओं के संचालन की कार्योत्तर स्वीकृति के संबंध में विस्तार से चर्चा हुई। नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के संबंध में गठित वर्किंग कमेटी की रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई। इसी तरह से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राज्य के कॉलेजों में सकल दर्ज अनुपात में वृद्धि के लिए कार्ययोजना के तहत कार्य करने के लिए आवश्यक कदम उठाने अधिकारियों से कहा गया।
बैठक में इंटर्नशिप एम्बेडेड पाठ्यक्रम लागू करने, सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग एवं एकीकरण तथा उच्च शिक्षा संस्थाओं में शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। बैठक में स्नातक कक्षाओं के पाठ्यक्रमों के निर्माण हेतु गठित केन्द्रीय अध्ययन मण्डल के सदस्यों हेतु प्रस्तावित मार्गदर्शी निर्देशों का अनुमोदन किया गया।
इसी तरह से राष्ट्रीय स्तर के अन्य विश्वविद्यालयों के गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम के अनुरूप समान्तर स्नातक स्तर पर पाठ्यक्रम के निर्माण पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। बैठक में राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान फेस तीन के संबंध में भारत सरकार से प्राप्त प्रस्तावित मापदंडों एवं नैक मूल्यांकन कार्य की प्रगति एवं विभागीय प्रयासों की समीक्षा तथा आगामी रणनीति पर सदस्यों ने जरूरी सुझाव दिए।
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव भुवनेश यादव, उच्च शिक्षा की आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति केशरीलाल वर्मा, कुलपति बस्तर विश्वविद्यालय शैलेन्द्र कुमार सिंह, कुलपति बिलासपुर विश्वविद्यालय एडीएम वाजपेयी, कुलपति इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय गिरीश चंदेल सहित छत्तीसगढ़ राज्य उच्च शिक्षा परिषद के सदस्य डॉ. ए.टी.दाबके, एस.एन.अग्रवाल, डॉ. इंद्रा मिश्रा सहित अन्य सदस्य एवं उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।