रायपुर/5जून 2022/ प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय सहित भाजपा के 9 सांसदों को शासकीय कर्मचारियों को बताना चाहिए की राज्य सरकार के द्वारा शासकीय कर्मचारियों के हित में शुरू की गई पुरानी पेंशन योजना के पक्ष में है कि विरोध में? क्योंकि केंद्र सरकार की पेंशन विकास प्राधिकरण द्वारा राज्य के कर्मचारियों के पेंशन फंड में जमा 17240 करोड़ की राशि को देने से इंकार कर रही है ऐसे में भाजपा मौन क्यो है?
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बंद कर नई पेंशन योजना की शुरुआत की थी जिसका नुकसान देशभर के शासकीय कर्मचारियों को हो रहा है रिटायरमेंट के बाद शासकीय कर्मचारियों को पूरी राशि नहीं मिलती है और उनके वेतन के अनुसार पेंशन भी नहीं मिलता है साथ ही नई पेंशन योजना में जमा राशि को शेयर बाजार और अन्य स्थानों पर लगाया जाता है जिसके डूबने का नुकसान सिर्फ शासकीय कर्मचारियों को होता है
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाली के बाद छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार के द्वारा पेंशन विकास प्राधिकरण से राज्य के कर्मचारियों के हिस्से की जमा राशि को मांगा गया और प्राधिकरण के द्वारा इनकार किया गया है इससे समझ में आता है कि पेंशन विकास प्राधिकरण मनमानी कर रही है कर्मचारियों के साथ धोखा कर रही है।अटल सरकार के समय शुरू हुई नई पेंशन योजना में गड़बड़झाला है। पेंशन विकास प्राधिकरण राज्य सरकारों को कर्मचारियों के जमा राशि को लौटाने से इंकार कर रही है निश्चित तौर पर कर्मचारियों के रिटायरमेंट होने के बाद उनकी राशि देने में भी आनाकानी करती होगी।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार राज्य के शासकीय कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए राज्य में पुरानी पेंशन योजना को बहाल की है इससे राज्य के लाखों कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद के चिंता से मुक्ति मिला है।
ऐसे में केंद्र सरकार के पेंशन विकास प्राधिकरण को अपने पास जमा राज्य के कर्मचारियों के वेतन से काटी गई एवं राज्य सरकार के द्वारा कर्मचारियों के लिये जमा कराई गई लगभग 17240 करोड रुपए जमा है उसे तत्काल राज्य सरकार को देना चाहिए। जो राज्य के कर्मचारियों का हक अधिकार है जिसे राज्य सरकार के द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाल होने के बाद कर्मचारियों के हित में मांगी जा रही है जिसे केंद्र सरकार के पेंशन विकास प्राधिकरण और पेंशन कोष नियामक द्वारा देने से इंकार किया जाना दुर्भाग्यजनक एवं कर्मचारियों के साथ अन्याय है।