रायपुर, 21 अक्टूबर 2021/ प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत गरम पौष्टिक भोजन और पूरक पोषण आहार के माध्यम से बच्चों में कुपोषण दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अनाज, फल, साग-सब्जियों और उससे निर्मित पदार्थों को प्राथमिकता से शामिल किया जा रहा है। इसी कड़ी में जनजाति बहुल गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के विकासखंड गौरेला के ग्राम पंचायत सेमरा में मरवाही विधायक डॉक्टर के. के. ध्रव द्वारा बुधवार को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के द्वितीय चरण अंतर्गत कुपोषित बच्चों को ’आयुर्वेदिक सुपोषण मोदक’ वितरण की शुरूआत की गई है। इस अवसर पर कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
अश्वगंधा, सोठ, काली मिर्च, त्रिकूट, अलसी, मुर्रा, मूगफल्ली, गुड, फूटा चना एवं तिल को मिलकार 75 ग्राम का प्रति नग आयुर्वेदिक सुपोषण मोदक’ तैयार किया गया है। सुपोषित गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही मिशन अंतर्गत कुपोषित बच्चों को 3 नग मोदक का वितरण प्रति सप्ताह किया जायेगा। इससे 1396 गंभीर और 5238 मध्यम कुपोषित बच्चे लाभान्वित होगे।
मरवाही विधायक डॉ. के. के. ध्रव ने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग को समन्वय से कार्य करते हुए एनआरसी के समुचित उपयोग और सतत पर्यवेक्षण सुनिश्चित करने कहा। कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने उपस्थित जनसमुदाय को सुपोषण का महत्व बताते हुए अभियान को सफल बनाने का आव्हान किया। जनपद अध्यक्ष गौरेला श्रीमती ममता पैकरा ने उपस्थित माताओं-बहनों को बच्चों के लिए घर पर उपलब्ध पोषण आहार खिलाने और पैकेट बंद खाद्य कुरकुरे, चिप्स आदि से बच्चों को दूर रखने की सलाह दी। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि प्रचलित पोषण व्यवहारों में सकरात्मक परिवर्तन लाने के लिए पूरक पोषण आहार की संकल्पना की गई है।