भाजपा किसान मोर्चा खाद बीज के मामले में घड़ियाली आंसू बहा रहा

रायपुर/22 जुलाई 2022। खाद बीज की कमी को लेकर भाजपा किसान मोर्चा के आंदोलन को राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा किसान मोर्चा को वास्तविक में किसानों की चिंता है और खाद की कमी को दूर करना चाहते हैं तो उन्हें अपने भाजपा के 9 सांसदों के दफ्तर और केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय में तालाबंदी करना चाहिए।

केंद्र से राज्य सरकार ने 13 लाख 70 हजार टन खाद की मांग किया था। जिसका शेड्यूल भी उर्वरक मंत्रालय ने जारी किया लेकिन शेड्यूल के हिसाब से रासायनिक उर्वरक की सप्लाई उर्वरक मंत्रालय ने नही की है और मांग के विपरीत अब तक मात्र 60 प्रतिश खाद ही दी गई है जिसके चलते प्रदेश में खाद का संकट उत्पन्न हुआ है। प्रदेश सरकार ने किसानों को पर्याप्त मात्रा में बीज की सप्लाई की है और रासायनिक उर्वरक खाद की कमी दूर करने गोठनों में बने वर्मी कंपोस्ट खाद की आपूर्ति भी किया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ में किसानों के नाम से घड़ियाली आंसू बहाते हैं लेकिन खाद की कमी और बारदाना की कमी के लिए, सेन्ट्रल पुल के चावल की कटौती तथा उसना चावल के मामले में जिम्मेदार मोदी सरकार के आगे भाजपा किसान मोर्चा मौन रहती है।

किसानों ने देखा है यह वही भाजपा का किसान मोर्चा है जो 15 साल तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रहने के दौरान किसानों पर अत्याचार होने पर, किसानों की आत्महत्या की घटनाओं पर, किसानों के जलाशय बेचने पर मौन रहती थी और किसानों को वादा अनुसार रमन सिंह की सरकार ने धान की कीमत 2100 रु. और 300 रु. प्रति क्विंटल बोनस नहीं दिया तब भी रमन सरकार की तारफी करते थे।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कि केंद्र की भाजपा की सरकार किसान विरोधी है। किसानों को सही समय पर पर्याप्त मात्रा में खाद देना नहीं चाहती समय पर उनके उपज को खरीदना नहीं जाती उपज का उचित मूल्य न देना नहीं चाहती है इसके चलते देश भर के किसान हताश और परेशान हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार देश की पहली सरकार है जो किसानों को धान की सबसे ज्यादा कीमत 2540 रुपए वादा अनुसार दे रही है। धान के अलावा कोदो कुटकी गन्ना मक्का रागी दलहन तिलहन फलदार वृक्ष और वृक्षारोपण करने वाले किसानों को भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रति एकड़ 10 हजार रु. प्रोत्साहन राशि दे रही है जो किसी भाजपा शासित राज्य में किसानों को नहीं मिल रहे हैं।

मोदी सरकार राजनीतिक द्वेष के चलते छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है सौतेला व्यवहार कर रही है। छत्तीसगढ़ के किसान धान के उत्पादन ना कर सके इस लिये खाद की आपूर्ति में बाधा पैदा कर रही है और धान की खरीदी के समय बारदाना देने में भी इसी प्रकार की बाधा उत्पन्न किया जाता है।