चंदखुरी का नाम माता कौशल्या धाम, गिरौदपुरी को बाबा गुरु घासीदास धाम और सोनाखान को शहीद वीर नारायण धाम रखने जाने से भाजपा को आपत्ति क्यों ?

रायपुर/01 अगस्त 2022। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा चंदखुरी का नाम माता कौशल्या धाम चंदखुरी, गिरौदपुरी को बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी और सोनाखान को शहीद वीर नारायण धाम सोनाखान के नाम से रखे जाने के फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान के नाम परिवर्तन पर राजनीति कर रहे भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आखिर भाजपा को नाम परिवर्तन से आपत्ति किस बात की है? क्या भाजपा 15 साल में इन स्थलों का नाम परिवर्तन नहीं कर पाए इस बात का पीड़ा है?

इन स्थलों का नाम परिवर्तन तो राज्य निर्माण के बाद हो जाना था लेकिन भाजपा अपने उन नेताओं को महान बताने में लगी थी जिनका देश के नवनिर्माण पर आजादी की लड़ाई में और छत्तीसगढ़ में कोई योगदान नहीं रहा है। पं. दीनदयाल उपाध्याय के विषय में कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता ने सवाल पूछे हैं कि आखिर दीनदयाल उपाध्याय का देश के प्रति क्या योगदान है?

छत्तीसगढ़ में उनका क्या योगदान है? जिनके नाम से छत्तीसगढ़ में सरकारी इमारतों को और अन्य स्थानों का नामकरण किया गया था। भाजपा आज तक दीनदयाल उपाध्याय के योगदान की जानकारी जनता को नहीं दे पाई है। भाजपा ने चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान के नाम परिवर्तन का विरोध कर अपने छत्तीसगढ़ विरोधी होने का प्रमाण प्रस्तुत किया है, भाजपा को छत्तीसगढ़ की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने जनभावनाओं का आदर करते हुए चंदखुरी, गिरौदपुरी और सोनाखान के नाम में परिवर्तन किया है यह छत्तीसगढ़ के पौने तीन करोड़ जनता की भावनाओं का सम्मान है। माता कौशल्या जो छत्तीसगढ़ की बेटी है।

छत्तीसगढ़, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का ननिहाल है और विश्व में माता कौशल्या की एक मात्र मंदिर छत्तीसगढ़ के चंद्रखुरी में है और चंदखुरी का नाम माता कौशल्या धाम चंदखुरी किया गया। गिरौदपुरी बाबा गुरु घासीदास के जन्मस्थली तपोभूमि है। गिरौदपुरी सतनाम पंथ के लाखों अनुयायी का तीर्थ है।

गिरौदपुरी अब बाबा गुरु घासीदास धाम गिरौदपुरी के नाम से जाना जाएगा और 1857 स्वतंत्र संग्राम के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सोनाखान के माटी पुत्र शहीद वीर नारायण सिंह के जन्म स्थली सोनाखान को अब शहीद वीर नारायण सिंह धाम सोनाखान के नाम से जाना जाएगा। यह हम सब के लिए गौरव की बात है, हर्ष का विषय है।