दुर्ग, 25 अक्टूबर 2021। जिले के स्कूलों को तंबाकू मुक्त संस्थान बनाने की तैयारी शुरू कर दी गयी है। इसी क्रम में जिला पंचायत के सभागार कक्ष में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन आज धमधा, पाटन व दुर्ग ब्लाक के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल के 50 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में आए शिक्षकों को स्कूल परिसर के अंदर व बाहर 100 मीटर के दायरे में तंबाकू की बिक्री व सेवन करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी दी गयी है। जिले के 3,000 स्कूलों को तम्बाकू मुक्त संस्थान बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 14 नवंबर तक बाल दिवस के मौके पर टूबैको फ्री संस्थान बनाने के इस लक्ष्य की प्राप्ति करना है।
एनटीसीपी जिला सलाहकार डॉ. सोनल सिंह ने बताया, “तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों को तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाली प्राण घातक बीमारियों के बारे में बताया गया साथ ही तम्बाकू की लत युवाओं को कैसे लगती है तथा उन्हें इस लत से कैसे बचाया जा सकता है, इस पर विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान सभी शिक्षकों को शपथ दिलाकर अपने विद्यालयों को तंबाकू मुक्त संस्थान बनाने के लिए प्रेरित किया गया। डॉ. सिंह ने बताया, जिले के 3,000 स्कूलों में तम्बाकू मुक्त संस्थान बनाने के लिए आगामी 6 माह तक विशेष अभियान चलाया जाएगा।“
तंबाकू के सेवन से फेफड़ों में कैंसर का खतरा
डॉ. मुनीष भगत ने एल्कोहल का सेवन व तंबाकू के उपयोग से होने वाले रोग एवं उनके लक्षणों के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए बताया, “तंबाकू के सेवन से हमें फेफड़ों का कैंसर, लीवर का कैंसर, एवं डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इसका सेवन करने वालों में हृदय रोग, ब्रेस्ट कैंसर, गले में पेट में अल्सर, नींद कम आना, हार्ट अटैक, लकवा, हाई बीपी की समस्या और टीबी रोग होने की संभावना सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा तीन गुना बढ़ जाती है। इस हेतु जिला अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र में विशेष ओपीडी का संचालन किया जाता है। ओपीडी में टीबी और टूबैको से ग्रसित लोगों को इलाज किया जाता है।“
तंबाकू मुक्त अभियान का सफलतापूर्ण संचालन
डॉ. सोनल सिंह ने प्रशिक्षण में आए शिक्षकों को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान अभियान के सफलतापूर्ण संचालन के लिए राज्य द्वारा निर्देशित नौ इंडीकेटर्स के बारे में बताया। इसके साथ ही कोटपा एक्ट 2003 के तहत स्कूल परिसर के अंदर तंबाकू सेवन करने वाले कोई भी व्यक्ति व 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बिक्री करने वालों पर लगने वाले जुर्माने संबंधी जानकारी दी गई। स्कूलों में नोडल अधिकारी बनाए गए शिक्षकों द्वारा ऐसे बच्चों की पहचान कर नशामुक्ति के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि बच्चों में बुरी आदतें खत्म हो सके।
सीएमएचओ डॉ. गम्भीर सिंह ठाकुर और एनटीसीपी जिला इकाई के नोडल डॉ. आरके खंडेलवाल के मार्गदर्शन में एनटीसीपी के जिला सलाहकार डॉ. सोनल सिंह और नशा मुक्ति केंद्र प्रभारी डॉ मुनीष भगत द्वारा शिक्षकों को तंबाकू मुक्त संस्थान बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।