बेमेतरा 03 अगस्त 2022:कृषि कार्य में उन्नत तकनीक के प्रयोग के तरफ सरकार द्वारा एक और कदम बढ़ाई जा रही है। ड्रोन के उपयोग से खेतों में कीटनाशक छिड़काव सहित अन्य कार्य करने को लेकर योजनाएं तैयार की जा रहीं है। कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के प्रक्षेत्र झाल में बुधवार को कृषि में फसल प्रबंधन के लिए बहुउपयोगी ड्रोन पर प्रदर्शन रखा गया। कंपनी प्रतिनिधियों द्वारा ड्रोन संचालन एवं प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी गई।
एवियोरॉन टेक्नोलाजीस प्राइवेट लिमिटेड जो छत्तीसगढ़ की प्रथम एवं अग्रणी ड्रोन टेक्नोलाजी पे कार्य करने की संस्था है। इनके तत्वाधान में आज बुधवार को कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा के प्रक्षेत्र झाल में कृषकों, विद्यार्थियों तथा पदाधिकारियों के प्रदर्शन हेतु कृषि ड्रोन का प्रदर्शन किया गया।
ताकि आने वाले समय में विकासखण्ड स्तर पर ड्रोन का प्रदर्शन कृषि वैज्ञानिकों की उपस्थिति में कृषकों के प्रक्षेत्र में दिया जा सके। प्रदर्शनी में दो प्रकार के कृषि ड्रोन के कार्य, कार्य प्रणाली, तकनीक तथा सजीव प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में संस्था के संचालक, श्री पराग झा, बिजनेस हेड श्री प्रमोद सिंह उपस्थित थे। जिन्होने सफलतापूर्वक प्रदर्शनी का आयोजन किया।
जन प्रतिनिधियों एवं किसान भाईयों द्वारा इस इनोवेटिक तकनीक का सराहना करते हुए राज्य में किसानहित में उचित सुरक्षित एवं लाभप्रद उपयोग की संभावना को ध्यान में रखते हुए बेहतर नीतियां, कार्ययोजना तैयार कराने की मंशा व्यक्त की।
प्रदर्शन के दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा के प्रक्षेत्र झाल में लगे फसल-धान, सोयाबीन एवं सुगंधित फसलों जैसे-खस, पामारोजा इत्यादि फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव की विधि (जी.पी.एस.) द्वारा चयनित क्षेत्र पर चयनित मात्रा में छिड़काव किया गया।
कंपनी प्रतिनिधियों ने सभी के समक्ष ड्रोन की विशेषता को तकनीकी मापदड़ों, सुरक्षा, गुण तथा इससे किसानों को होने वाले लाभ की जानकारी दी। उन्होने प्रदर्शन के माध्यम से विभिन्न फसलों पर कृषि रसायनों, जल में घुलनशील दवाईयों, उर्वरकों, आर्गेनिक अदानों तथा नैनो युरिया एवं ड्रिप सिचाई पद्धति में आने वाली समस्या के बारे में जानकारी दी.
उल्लेखनीय है कि ग्रामीण उद्यानिकी, एफ.पी.ओ., सी.एस.सी. आदि के लिए सब मिशन आन एग्रीकल्चर मेकेनाइजेशन के तहत ड्रोन के लिए अनुदान का प्रावधान है। इस ड्रोन का उपयोग ग्रीन एरिया में ही किया जा सकता है। डी.जी.सी.ए. से सर्टिफिकेट उपयोगकर्ता ही इसका उपयोग कर सकता है।
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यह ड्रोन फसल के हर भाग पर मिस्टिंग का उपयोग करता है। कंपनी प्रतिनिधियों ने बताया किया की यह ड्रोन आटो सेंसर के माध्यम से एक निष्चित उचाई पर उड़कर एक बार में करीब 15 लीटर का छिड़काव कर सकता है। खेत में आने वाले पेड़ या अन्य रूकावट को सेंसर के माध्यम से बचाता है तथा उत्कृष्ट श्रेणी के नोजल द्वारा फसल के हर भाग पर ऊपर से मिस्टिंग से स्प्रे करता है, जो पारम्परिक स्प्रे से ज्यादा लाभकारी एवं प्रेरणादायक है। प्रदर्शन के दौरान बेमेतरा जिले के कुल 125 किसान भाई, कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक एवं कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक एवं छात्र-छात्राएं तथा जन प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।