रायपुर, 28 अक्टूबर 2021/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज ट्रायबल कॉन्क्लेव के मंच पर न्यूज एंकर की भूमिका में नजर आए। बघेल ने झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछा कि उन्हें छत्तीसगढ़ कैसा लग रहा है ? इस पर सोरेन ने जवाब दिया कि मुझे ऐसा नहीं लग रहा कि मैं झारखण्ड में नहीं किसी दूसरे राज्य में हूं, छत्तीसगढ़ में हूं। यहां जितने लोगों को देखा जिनसे मिला उनमें अपने राज्य की झलक दिख रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। ट्रायबल कॉन्क्लेव का आयोजन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के अवसर पर किया गया है। दोनों मुख्यमंत्री आज जब प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे थे, तब भीड़ के बीच मीडिया प्रतिनिधि लगातार उनकी बाईट लेने का प्रयास कर रहे थे। ऐसे में मुख्यमंत्री बघेल ने मीडिया प्रतिनिधियों की उत्सुकता देखकर खुद न्यूज एंकर के रूप में झारखण्ड के मुख्यमंत्री से सवाल-जवाब किए।
झारखण्ड के मुख्यमंत्री सोरेन ने प्रश्न के जवाब में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सराहना करते हुए कहा कि बघेल ने जनजातीय समुदाय के लिए एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया है, जिसमें झारखण्ड, छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों के जनजातीय समुदायों के साथ विदेशों के जनजातियों के नर्तक दल आकर अपनी संस्कृति, सभ्यता, परंपरा और मान्यताओं की झलक प्रस्तुत कर रहे हैं। ये आयोजन समस्त आदिवासी समुदाय के लिए गौरव का क्षण है। यहां आकर उनका उत्साह बढ़ा है।
बघेल ने सोरेन से छत्तीसगढ़ में जनजातीय समुदायों की शिक्षा, स्वास्थ्य, जीवन स्तर में सुधार के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आपने प्रदर्शनी के भ्रमण के दौरान इन कार्यों पर आधारित स्टॉलों को देखा, इनमें सबसे अच्छा आपको क्या लगा? सोरेन ने इस पर कहा कि उन्हें सबसे अच्छा लगा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपने प्रदेश के आदिवासी समुदाय को आर्थिक पिछड़ापन से उबारने के लिए लगातार अभिनव प्रयास किए जा रहे हैं। मुझे लगता है कि यहां के आदिवासी समुदाय के लोग जिस क्षेत्र में भी जाना चाहें, वहां अच्छी प्रगति कर सकते हैं। चाहे गारमेंट सेक्टर हो, खाद्य सामग्री निर्माण, वनोपज संग्रहण हो। हर क्षेत्र में यहां का आदिवासी समुदाय अपने आपको आर्थिक रुप से समृद्ध कर सकते हैं। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने मुख्यमंत्री बघेल के आमंत्रण पर हेमंत सोरेन द्वारा छत्तीसगढ़ आकर रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का उद्घाटन करने के लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया। आदिवासी विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि देश-विदेश के आदिवासी समुदाय के रीति-रिवाज काफी हद तक एक जैसे हैं।