नड्डा ने झूठ बोला, बतायें कब, कहां 71 आदिवासी मारे गये-कांग्रेस

रायपुर/10 सितंबर 2022। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा द्वारा दिये गये बयान कि छत्तीसगढ़ में 71 आदिवासी मारे गये पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुये कहा कि नड्डा ने झूठ बोलकर छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश में 2 दिन के भीतर 71 आदिवासियों की मौत होने का अफवाह फैला रहे हैं। नड्डा को बताना चाहिए प्रदेश के किस जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत में 2 दिन के भीतर 71 आदिवासियों की मौत हुई है? जेपी नड्डा को अपने इस झूठे और अफवाह वाले बयान के लिए प्रदेश के आदिवासी समाज से माफी मांगना चाहिए।

जेपी नड्डा भाजपा की गुम होती राजनीति धरातल को बचाने आदिवासी वर्ग के लिए अनिष्ठ की कामना कर रहे है। भारतीय जनता पार्टी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष की गलत बयानी के लिये प्रदेश की जनता से माफी मांगे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल के दौरान आदिवासी वर्ग पर अत्याचार हुआ है, शोषण हुआ है, निर्दोष आदिवासियों को जेल में बंद किया गया है। 15 साल में हजारों आदिवासी अपने पैतृक स्थान को छोड़कर पलायन करने मजबूर हुए हैं, दर्जनों गांव उस दौरान वीरान हुआ है।

भाजपा कल भी आदिवासी विरोधी थी, आज भी आदिवासी विरोधी है इसलिए अपने राजनीतिक हवस को पूरा करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष झूठ बोल रहे है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जस्टिस पटनायक आयोग की रिपोर्ट रमन सरकार के दौरान हजारों निर्दोष आदिवासियों को फर्जी मामलों में बंदी बनाने के कुत्सित प्रयास को प्रमाणित करता है।

एसपी की शहादत, कलेक्टर का अपहरण, सारकेगुड़ा, एड़समेटा, पेद्दागेलूर की घटना, मिडिल स्कूल के छात्र सोनकू और बिजलू की हत्या, मदनवाड़ा की घटना, झालियामारी में नाबालिक बच्चियों से बलात्कार, मीना खलको, मड़कम हिड़मे से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या, आज भी छत्तीसगढ की जनता भूली नहीं है। कांग्रेस सरकार में तो न्याय मिल रहा है, फर्जी प्रकरणों में सैकड़ो निर्दोष आदिवासियों की रिहाई हुई है। सभी को न्याय मिल रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी उत्पीड़न का दौर भाजपा की रमन सरकार के साथ ही चला गया। राज्य में भाजपा की रमन सरकार के दौरान आदिवासियों की डायरिया, मलेरिया और हिंसक घटनाओं में मौते होती थी, कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आदिवासियों की सुरक्षा के साथ उनके सर्वांगीण विकास के द्वार कांग्रेस सरकार ने खोले।

आदिवासियों के लोकतांत्रिक अधिकार कांग्रेस के राज में बहाल किये गये, बस्तर में रमन राज में बंद कर दिये गये 300 से अधिक स्कूलों को कांग्रेस सरकार ने शुरू किया। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीने वापस कर कांग्रेस सरकार ने नया विश्वास पैदा किया। आदिवासियों के महत्वपूर्ण साधन तेंदूपत्ता के मानदेय की राशि 2500 से बढ़ाकर 4000 रू. कर दिया गया।

बस्तर कनिष्ठ चयन बोर्ड एवं बस्तर बटालियन के गठन से आदिवासी युवाओं का भविष्य सुरक्षित हुआ। भाजपा के राज में 7 वनोपज की खरीदी होती थी, कांग्रेस सरकार ने 62 वनोपजो की खरीदी शुरू किया।

15 साल तक बस्तर, सरगुजा के आदिवासी डायरिया, मलेरिया से मरते थे, कांग्रेस के राज में हाट बाजार क्लिनिक से उनको इलाज की सुविधा देकर इसमें शत प्रतिशत कमी का लक्ष्य हासिल किया गया। नड्डा 15 साल के भाजपा के राज में आदिवासी समाज की उपेक्षा और शोषण के लिये प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए।