राम के नाम से राजनीति करने वालों ने 15 साल में रामवनगमन पथ कौशल्या माता के मंदिर बनाने की जरूरत क्यों नहीं समझी? – मोहन मरकाम

रायपुर/20 अक्टूबर 2022। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल द्वारा रामवनगमन पथ पर सवाल खड़ा किये जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 15 साल में जो नहीं हुआ उसे कांग्रेस सरकार ने 4 साल के भीतर कर पूरा कर दिखाया।

राम वन गमन पथ जो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के वनवास काल के दौरान छत्तीसगढ़ जो पूर्व में कौशल प्रदेश था में बीते उनके समय को याद दिलाता है। सीतामढ़ी हरचोका से रामाराम तक लगभग 2260 किलोमीटर की योजना के प्रथम चरण में चंदखुरी में माता कौशल्या के मंदिर के लोकार्पण से हुआ।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के नाम से राजनीति करने वाली भाजपा ने विश्व विख्यात विश्व की एकलौती माता कौशल्या के मंदिर निर्माण के विषय मे नही सोचा। भाजपा के लिए जय श्री राम का नारा सिर्फ सत्ता प्राप्ति का जरिया। सत्ता मिलते ही भाजपा श्री राम जी को भूल जाती है।

छत्तीसगढ़ में 15 साल में रमन भाजपा सरकार में वही हुआ। मोदी सरकार रामायण सर्किट के नाम से एक परियोजना शुरू कर रही है। जिसमें उसका दावा है कि रामायण कालीन स्थानों को संरक्षित किया जायेगा। लेकिन मोदी सरकार ने दुर्भावना पूर्वक छत्तीसगढ़ के भगवान राम के वन गमन मार्गों को स्थान नहीं दिया।

जबकि मान्यता है कि भगवान राम ने अपने वनवास काल के 14 वर्ष में से अधिसंख्यक समय को छत्तीसगढ़ में बिताया था। छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल और माता कौशल्या का मायका जन्म स्थान भी माना जाता है। इसके बाद भी रामायण सर्किट में छत्तीसगढ़ के एक भी स्थान को जगह नहीं देना बताता है कि भाजपा छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे नहीं आने देना चाहती।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि 15 साल तक रमन शासनकाल में छत्तीसगढ़ की बिटिया और मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी की माता कौशल्या माता जी को रमन भाजपा ने कभी याद नहीं किया। भाजपा का राम नाम का जाप राम भक्तों से मात्र वोट बटोरने और चंदा वसूलने तक ही सीमित है।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसते है। छत्तीसगढ़ में सुबह की शुरुवात राम राम से होती है। किसान काठा से धान नापते समय गिनती करते है तब एक नही बल्कि राम बोलते है। यहाँ के नदी , पेड़ पौधे ,पर्वतों सभी प्राणियों में यहां के जनमानस के हृदय में बसते हैं।

छत्तीसगढ़ में ही रामनामी परिवार भी है। 15 साल तक भाजपा ने राम नाम का उपयोग सिर्फ वोट बटोरने के लिए किया है राम वन गमन पथ को लेकर भाजपा के पास कोई ठोस नीति और नियत नहीं रही है।