गांजा तस्करी में आरोपीगण को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा

कोण्डागांव। इस प्रकरण में शासन की ओर से दिलीप जैन, लोक अभियोजक ने पैरवी की। प्रकरण के संबंध में लोक अभियोजक दिलीप जैन ने बताया कि दिनांक 13.01.2018 को विवेचक को मुखबीर के माध्य से सूचना मिली कि बोलेरो पिकअप क्र. यू.पी. 81 बी.टी. -1710 में तीन व्यक्ति अवैध रूप से लाभ कमाने हेतु मादक पदार्थ गांजा वाहन के पीछे डाला में रखकर जगदलपुर से फरसगांव – रायपुर की ओर जा रहे है ।

विवेचक स्वयं कार्यवाही हेतु हमराह स्टाफ के साथ मय विवेचना किट आदि लेकर गवाहों के साथ थाना फरसगांव के सामने एन.एच.-30 मार्ग पर पहुंचकर नाकाबंदी किया। कुछ देर बाद करीब 11ः35 बजे मुखबीर के बताये अनुसार बोलेरो पिकअप वाहन कोण्डागांव की तरफ असे आते दिखी जिसे हमराह स्टाफ ने घेराबंदी कर पकडा गया। विवेचक द्वारा पूछताछ करने पर चालक सीट पर बैठे व्यक्ति न अपना नाम सतपाल तथा वाहन में बैठे अन्य व्यक्तियों ने अपना-अपना नाम हेमराज एवं अनिल बताया, फिर गवाहों के समक्ष आरोपीगण एवं उसके वाहन की तलाषी कार्यवाही प्रारंभ की गयी तो तो वाहन के पीछे डाला में रखा हुआ कुल 65 पैकेट भूरे रंग के सेलोटेप से पैकिंग किया हुआ मादक पदार्थ गांजा एवं वाहन का कागजात बरामद हुआ ।

तौल करने पर कुल वजन 273.222 किलोग्राम पाया गया जिसे गवाहों के समक्ष जप्त कर सीलबंद किया गया । आरोपीगण के कब्जे से बोलेरो पिकअप वाहन मय कागजात, आरोपी सतपाल से एक आधार कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस , पिकअप वाहन का आर.सीव बुक, एक मोबाईल, नगदी रकम 200 रू0 आरोपी हेमराज से नगदी रकम 430 रू0 एवं आरोपी अनिल से एक आधार कार्ड, दो आई0कार्ड, एक मोबाईल जप्त किया गया ।

इसके उपरांत आरोपीगण एवं आरोपीगण से बरामद वस्तुओं मादक पदार्थ एवं वाहन व हमराह स्टाफ के साथ वापस थाना फरसगांव आकर देहाती नासली रिपोर्ट प्रस्तुत किया जिसके आधार पर थाना फरसगांव में आरोपीगण के विरूद्ध अपराध क्र 04/2018 धारा 20(ख)(2-स) एन.डी.पी.एस. एक्ट का प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया। आरोपीगण के विरूद्ध चालानी कार्यवाही योग्य पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने से अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया ।

कोण्डागांव जिले के विषेष सत्र न्यायाधीश(एन.डी.पी.एस. एक्ट) कोण्डागंाव के न्यायाधीश सुरेष कुमार सोनी ने प्रकरण का विचारण कर आरोपीगण को धारा 20 (ख) (2-स) स्वापक औषधी एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम के आरोप में 10-10 वर्ष के सश्रम करावास एवं रूपये 1,00,000.00-1,00,000.00 मात्र के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है । अर्थदण्ड की राशि अदा होने के व्यतिक्रम पर 01-01 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगतना होगा ।