रायपुर/26 नवंबर 2021। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार की गोद में बैठकर चिटफण्ड कंपनियों का काला धंधा खूब पुष्पित-पल्लवित हुआ। हजारों शिकायतों के बावजूद भाजपा सरकार ने चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं किया। चिटफंड कंपनियां ऊपर से नीचे तक हिस्सा बाँटती रहीं और प्रदेश की जनता को लूटती रहीं। इस सुप्रबन्धित लूट का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 11 अरब रुपये चिटफंड कंपनियां डकार चुकी हैं। भाजपा के 15 साल के राज में छत्तीसगढ़ की जनता के साथ चिटफंड कंपनियों ने सुनियोजित तरीके से लूट खसोट किया। सरकार में बैठे हुये लोगों ने चिटफंड कंपनियों के लूट को प्रश्रय दिया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह वे स्वयं चिटफंड कंपनियों के दफ्तर का उद्घाटन करने जाते थे।
पूर्व मुख्यमंत्री, वीणा सिंह, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह राजनांदगांव, कवर्धा में अनेक चिटफंड कंपनियों के प्रमोशन करने गये थे। भाजपा सरकार द्वारा लगाये गये रोजगार मेले में चिटफंड कंपनियों के स्टॉल लगते थे, युवा उस पर भरोसा करके इन कंपनियों में नौकरी करने लगे तथा एजेंट भी बने। उन्होंने अपने रिश्तेदारों और परिचितों का पैसा इन कंपनियों में लगवाया, बाद में बेचारे युवा ठगी के शिकार हुये। कानूनी शिकंजो में अलग फंसे। पंद्रह साल के भाजपा राज में चिटफंड कंपनियों के हौसले इतने बुलंद थे कि उन्होंने भोले-भाले छत्तीसगढ़ वासियों के अरबों रुपए बेधड़क गबन कर लिये। छत्तीसगढ़ वासियों के खून पसीने से कमाए गए 11 अरब रुपये डकार चुकी कंपनियों पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार लगातार सख्ती से कार्यवाही कर रही है और जनता के पैसे जनता को वापिस दिलवा रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पुलिस प्रशासन देश के कोने-कोने से चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों को दबोच रही है। छत्तीसगढ़ सरकार इन कंपनी डायरेक्टरों की संपत्तियों की कुर्की व नीलामी करके वसूली कर रही है। साथ ही फॉरेंसिक ऑडिट द्वारा उनकी गुप्त संपत्ति और शेल कंपनियों में किये गए निवेश का भी पता लगा रही है। अब तक सात चिटफण्ड कंपनियों के डायरेक्टर पकड़े जा चुके हैं, साथ ही अन्य राज्यों की जेलों में बंद आरोपियों गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी कर कई राज्यों में छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम को भेजा गया है। लगभग 10 करोड़ रुपए छत्तीसगढ़ की जनता को वापस दिलवाये जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ वासियों के खून पसीने के पैसों को वापस उनके हाथों में पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रतिबद्ध हैं।