भाजपा प्रदेश के किसानों से 20 क्विंटल धान खरीदने के निर्णय का विरोध क्यों कर रही है?

रायपुर/ 28 मार्च 2023। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि आखिर भाजपा भूपेश सरकार के द्वारा किसानों से 20 क्विंटल धान खरीदने के निर्णय का विरोध क्यों कर रही है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने खुशहाल बनाने का कार्य कर रही है। जिसका विरोध कर भाजपा अपने किसान विरोधी मसूबे को पूरा कर रही है।

2013 के दौरान भाजपा ने प्रदेश के किसानों से एक-एक दाना धान खरीदने का वादा किया था लेकिन वादा पूरा नही किया। किसानों को धोखा दिया। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अगामी खरीफ सीजन में लगभग 2800 रु. की दर से 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने जा रही है। भाजपा ने 20 क्विंटल धान खरीदी का विरोध कर अपने किसान विरोधी मनसूबे को पूरा करना चाहती है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के डीएनए में है किसानों का विरोध करना यही कारण है जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों को वादा अनुसार धान की कीमत 2500 रु. प्रति क्विंटल दिया तब केंद्र की भाजपा सरकार ने विरोध किया और नियम शर्ते लगाकर किसानों को एकमुश्त मिलने वाली 2500 रु. राशि देने पर अवरोध उतपन्न किया। जिसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को धान की कीमत 2500 रु. की अंतर राशि दिया जा रहा है। इस वर्ष प्रदेश के किसानों से 2640 और 2660 रुपए में धान की खरीदी की गई है और आगामी सीजन में 2800 रु. प्रति क्विंटल की दर से खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल तक छत्तीसगढ़ में रमन भाजपा की सरकार थी जो किसानों से किए वादे को पूरा नहीं किया और मात्र किसानों से 10 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी कर किसानों के साथ धोखा किया था। वादाअनुसार धान की कीमत 2100 रु. प्रति क्विंटल और 300 रु. बोनस नहीं दिया।

ठीक वैसे ही मोदी सरकार भी किसानों को जो स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देने एवं 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था जिसे पूरा नहीं किया और उल्टा किसानों को मिलने वाली सुविधाओं को खत्म किया है। ट्रेक्टर कृषि यंत्र कीटनाशक रसायनिक खादों की कीमतों में वृद्धि किया गया है और भारी-भरकम टैक्स वसूला जा रहा है।

डीजल में जो किसानों को सब्सिडी मिलता था उसे भी खत्म किया गया है। अब किसानों से 16 रु. के करीब एक्साइज ड्यूटी मोदी साल सरकार वसूल रही है। काले कृषि कानून लाकर किसानों को गुलाम बनाने का षड्यंत्र भी रचा गया। जिसका विरोध कांग्रेस पार्टी एवं देशभर के किसानों ने किया था।