बलौदाबाजार :जिलें के भाटापारा शहर की रहने वाली 11 वर्षीय तनु साहू को बचपन से खेलने कूदने पर जल्दी थकान हो जाती,सांस फूलने जैसी स्थिति भी बनती थी।वजन में भी कोई खास वृद्धि नहीं हुआ करती थी। माता-पिता द्वारा बच्ची का जांच करवाने पर यह पता चला की उसे कंजेनाईटल हार्ट डिजीज है। यह बीमारी जन्मजात हुआ करती है, जिसमें हृदय सामान्य रूप से काम नहीं करता। इसमें शरीर में रक्त प्रवाह सही तरीके से नहीं हो पाता है।
जिसकी वजह से दिल में ब्लॉकेज की समस्या भी होने लगती है और कभी भी जान को खतरा हो सकता है। तनु को उपरोक्त लक्षण इस बीमारी के कारण ही दिखाई पड़ रहे थे। पोहा मिल में मुंशी का कार्य कर रहे तनु के पिता श्री कुंज बिहारी साहू ने बताया की बच्ची की बीमारी के संबंध में पता चलने पर उन्होंने विभिन्न निजी चिकित्सा संस्थानों में संपर्क किया लेकिन कुछ संस्थाओं ने जटिल ऑपरेशन देखकर अपने हाथ खड़े कर दिए और मुंबई रेफर करने की बात कही तथा इलाज में ढाई लाख रुपए से अधिक की राशि का अनुमानित खर्च बताया।
तनु के प्रकरण के संबंध में खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेंद्र माहेश्वरी ने बताया कि,चिरायु टीम द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र में बच्ची के परीक्षण के पश्चात इस बीमारी के संबंध में बताया गया तथा आगे की जांच की सलाह दी गई। इसके लिए जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में बच्ची का इको टेस्ट भी हुआ जिसमें यह बीमारी स्पष्ट हो गई। बच्ची की माता पूर्णिमा साहू ने कहा की हम लोग अपनी बच्ची के इस जटिल ऑपरेशन को लेकर बहुत चिंतित थे एवं ऑपरेशन करवाएं या न करवाएं इसका निर्णय नहीं कर पा रहे थे ऐसे में चिरायु टीम के सदस्यों ने हम से चर्चा की तथा कुछ पुराने ऐसे केस की जानकारी दी जो ऑपरेशन के पश्चात ठीक हुए हैं।
इस प्रकार से हमने बच्ची के ऑपरेशन करवाने का निर्णय लिया। ऑपरेशन रायपुर के एक बड़े निजी अस्पताल में चिरायु योजना के माध्यम से नि:शुल्क किया गया।।बच्ची के माता पिता ने कहा कि ऑपरेशन लगभग 7 घंटे चला तथा बच्ची को 48 घंटे तक आईसीयू वार्ड में रखा गया था इस दौरान चिरायु टीम के सदस्य भी साथ में बने रहे। वर्तमान में बच्ची पूरी तरह से ठीक है तथा ऑपरेशन को 6 माह बीत चुके हैं। अभी दवाई और समय-समय पर फॉलोअप होता है।
हम लोग डॉक्टर की बताई सावधानियां रख रहे हैं। उक्त चिरायु टीम में सम्मिलित रहे डॉक्टर सारा राम, डॉ सेवक राम साहू , बिंदु चौहान,अंजू साहू वंदना वर्मा।नमुख्य चिकित्सा एवं डॉ एम पी महिस्वर के अनुसार राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) के माध्यम से स्वास्थ्य दल जिले के आंगनवाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करता है। इसके माध्यम से 44 रोगों के नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। किसी जटिल बीमारी की दशा में उच्च संस्था में रेफर कर भी नि:शुल्क इलाज करवाया जाता है।