मंत्रालय में दूसरे चरण का छत्तीसगढी़ प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

रायपुर, 13 मार्च 2024 :छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन में दूसरे चरण का तीन दिवसीय छत्तीसगढ़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हो गया है। प्रशिक्षण में मंत्रालयीन अधिकारी कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ी का व्यवहारिक रूप से उपयोग में लाये जाने के साथ शासकीय कामकाज में छत्तीसगढ़ी भाषा में कार्य करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षिणार्थियों को लोक व्यवहार और प्रशासनिक कार्यो में छत्तीसगढ़ी के उपयोग और शब्दावलियों की विस्तार से जानकारी दी गई।

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग नवा रायपुर द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ी प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे चरण में 11, 12 एवं 13 मार्च को करीब 350 मंत्रालयीन अधिकारियों-कर्मचारी ने प्रशिक्षण का लाभ लिया। प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ी राजभाषा के प्रशासनिक उपयोग के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया। इसके पूर्व छत्तीसगढ़ी राजभाषा के पहले चरण का प्रशिक्षण मंत्रालय में 26 से 28 फरवरी 2024 को दिया जा चुका है। प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ी में आवेदन, आदेश, परिपत्र एवं अन्य कामकाज का व्यवहारिक जानकारी दी गई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल कुमार भतपहरी ने छत्तीसगढ में छत्तीसगढ़ी के सांस्कृतिक महत्व, लोकभाषा शिक्षा और पाठ्यक्रम में शामिल करने के संबंध में आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने छत्तीसगढ़ी के संरक्षण और लोक व्यवहार में छत्तीसगढ़ी के प्रयोग को बढ़ावा देने की बात कही। प्रशिक्षण के अंतिम दिवस आज डॉ. राजेश दुबे ने छत्तीसगढ़ी को दैनिक बोलचाल में छत्तीसगढ़ी का उपयोग करने की बात कही।

उन्होंने छत्तीसगढ़ी के शब्द कोष, वर्तनी, व्याकरण एवं छत्तीसगढ़ी का छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक महत्व एवं उपयोगिता पर विस्तार से बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी के रचनाकर डॉ. रामेश्वर शर्मा ने छत्तीसगढ़ी भाषा के दैनिक व्यावहार में उपयोग में प्रकाश डाला। प्रशिक्षण कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य भी शामिल हुए। प्रशिक्षण में मंत्रालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग डहन ले आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम को राजकीय काम-काज में छत्तीसगढ़ी के प्रयोग लाने के लिए महत्वपूर्ण बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मंत्रालयीन अधिकारी-कर्मचारियों का सराहनीय योगदान रहा।