रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में सर्वाधिक लोकप्रिय सुराजी गांव योजना के अंतर्गत संचालित नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी कार्यक्रम की हकीकत जानने मुख्यमंत्री सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों का लगातार जिलों में दौरा जारी है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने आज मुंगेली जिले के लहौदा, दरदेही और सम्बलपुर गौठानों का निरीक्षण कर वहां संचालित गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने गौठानों से जुड़ी स्व-सहायता समूह की महिलाओं से चर्चा की और उनकी आयमूलक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली।
विशेष सचिव एवं गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारतीदासन ने मुंगेली विकासखंड के ग्राम लहौदा एवं सम्बलपुर तथा पथरिया विकासखंड के ग्राम दरदेही के गौठान के निरीक्षण के दौरान गौठान समिति के पदाधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य के तीन गौठानों में गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरूआत हो चुकी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन बेमेतरा जिले के राखी, दुर्ग जिले के सिकोला तथा रायपुर जिले के बनचरौदा गौठान में गोबर से विद्युत उत्पादन का वर्चुअल शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप राज्य के सभी गौठानों में गोबर से बिजली उत्पादन किया जाना है। उन्होंने लहौदा, सम्बलपुर और दरदेही गौठान में भी गोबर से विद्युत उत्पादन संयंत्र की स्थापना के संबंध में गौठान समिति के पदाधिकारियों से चर्चा की और यहां भी विद्युत उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गौठान में लोगों को रोजगार से जोड़ने तथा महिला स्व-सहायता समूह की आयमूलक गतिविधियों को विस्तार भी दिया जाना है। इसके लिए गौठान में सर्वसुविधायुक्त मल्टी यूटिलिटी सेन्टर विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने गौठान समिति के पदाधिकारियों से गौठानों में मल्टी यूटिलिटी सेन्टर तथा पशुओं के हरे-चारे की व्यवस्था के लिए चारागाह विकास को प्राथमिकता से कराए जाने के भी निर्देश दिए।
विशेष सचिव डॉ. भारतीदासन से बात-चीत करते हुए समूह की महिलाओं ने कहा कि गौठान और गोधन न्याय योजना से उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया है। गांव में रोजगार मिलने से उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। उनमें एक नया आत्मविश्वास जगा है। डॉ. भारतीदासन ने कहा कि मुख्यमंत्री के मंशानुरूप महिला समूहों को सहयोग एवं मार्गदर्शन देकर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करना है। उन्होंने अधिकारियों को महिला समूहों की हर संभव मदद एवं स्वावलंबन के लिए प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठान, पशुधन संरक्षण-संवर्धन के साथ-साथ उत्पादक केन्द्र बनें, यही हम सबका प्रयास होना चाहिए।
विशेष सचिव डॉ. भारतीदासन ने महिला समूह की आयमूलक गतिविधियों और जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया का भी मुआयना किया। डॉ. भारतीदासन ने महिला समूहों को वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के साथ-साथ मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, मछली पालन, दुग्ध उत्पादन, साबून, शैम्पू, फिनाईल व अगरबत्ती निर्माण जैसी गतिविधियों से जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिला समूह द्वारा निर्मित सामग्रियों की बिक्री स्थानीय बाजारों में हो सके, इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए।