छिन्दवाडा : पांढुर्णा जिले की जनपद पंचायत सौंसर के ग्राम सवरनी में बने अमृत सरोवर तालाब ने किसानों की किस्मत चमका दी है। अमृत सरोवर तालाब बन जाने से यहाँ न सिर्फ निस्तार का पानी उपलब्ध है, बल्कि कपास, फल्ली, ज्वार, संतरा, मौसम्बी जैसी फसलों का उत्पादन भी बढ़ गया है। मनरेगा में केवल मजदूरों को काम ही नहीं वरन ग्रामीणों को निस्तार के लिये पर्याप्त पानी भी मिला है, जो उनके जीवन को बदल रहा है।
सवरनी गांव के ग्रामीण इस तालाब की चर्चा ऐसे उत्साह से करते हैं, कि जैसे गांव में किसी को कोई उपलब्धि हासिल हुई हो। किसी समय बदबूदार पानी से लोग दूर भागते थे और अब यही तालाब गांव की शान बन गया है। तालाब के संबंध में विस्तार से बताते हुए यहां की सरपंच श्रीमती प्रतिभा महेन्द्र खिरडकर कहती हैं कि हम सोच भी नहीं सकते थे, कि एक तालाब गांव की दशा और दिशा को बदल सकता है। यहां 500 से अधिक ग्रामीण निवास करते हैं, गर्मियों में इस गांव में पानी की काफी समस्या रहती थी।
दूरस्थ अंचल व वन क्षेत्र में होने के कारण निस्तार के लिए पानी की कमी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। उन्होंने आगे बताया कि तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए ग्राम पंचायत ने वर्ष 2022-23 मे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से अमृत सरोवर के लिये 14.77 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की गई। अमृत सरोवर के गहरीकरण से जहां ग्रामीणों को सीधे रोजगार के अवसर प्राप्त हुए, वहीं गांव को जल संरक्षण का साधन भी उपलब्ध हो गया है।
अमृत सरोवर के गहरीकरण से तालाब के नजदीकी 5 से 6 किसानों की करीब 22 एकड भूमि की सिंचाई भी हो रही है एवं निस्तार के लिये ग्रामीणों को पानी भी उपलब्ध हो रहा है। पर्याप्त सिंचाई होने के कारण इन किसानों के कपास, फल्ली, ज्वार, संतरा, मौसम्बी के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है।