एनआईटी रायपुर में सेमीकंडक्टर डिवाइसेज पर एसईआरबी प्रायोजित 7 दिवसीय कार्यशाला का हुआ उद्घाटन

रायपुर : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग द्वारा दिनांक 10 जुलाई को एसईआरबी प्रायोजित “एक्सप्लोरिंग सेमीकंडक्टर डिवाइसेज: ए प्रैक्टिकल अप्रोच टू वीएलएसआई” पर 7 दिवसीय हाई एंड वर्कशॉप (कार्यशाला) का उद्घाटन किया गया । यह कार्यशाला 10 जुलाई से शुरू होकर 16 जुलाई तक चलेगी |

इस कार्यशाला के मुख्य संयोजक संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) एन. वी. रमना राव हैं। इस कार्यक्रम के संयोजक डीन (अकादमिक) प्रो. श्रीश वर्मा, डीन (आर & सी) प्रो. प्रभात दीवान, चेयरमैन (कंटीन्यूइंग एजुकेशन सेल) डॉ शुभोजीत घोष है | कार्यशाला की अध्यक्षता ईसीई के विभागाध्यक्ष डॉ तोषनलाल मीनपाल द्वारा की जाएगी। इस कार्यशाला में ईसीई विभाग के डॉ जी.पी.एस.सी. मिश्रा और डॉ आशीष कुमार वर्कशॉप कॉर्डिनेटर की भूमिका निभाएंगे।

उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में संस्थान के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव, और सम्माननीय अतिथि के रूप में हैदराबाद यूनीवर्सिटी के प्रो. (डॉ.) सम्राट एल. साबत मौजूद रहे | डीन (अकादमिक) डॉ श्रीश वर्मा, डीन (फैकल्टी वेलफेयर) डॉ. डी. सान्याल, हेड (सीडीसी) डॉ. समीर बाजपाई, ईसीई के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. बी. आचार्या, फैकल्टी मेंबर्स, स्कॉलर्स, प्रतिभागी इस दौरान उपस्थित रहे।

डॉ वर्मा ने अपने संबोधन में वर्ष 2005 में संस्थान के जीईसी से एनआईटी में परिवर्तित होने पर ईसीई विभाग के संचालन से लेकर विभाग की वर्तमान की उपलब्धियों को याद किया। उन्होंने कार्यशाला के उद्देश्यों को संक्षिप्त में बता कर सभी प्रतिभागियों को इससे सीखने का मार्गदर्शन दिया।

डॉ. राव ने आज के समय में सोलर पैनल, बैटरी पैनल इत्यादि में सेमीकंडक्टर के प्रयोगों को रेखांकित किया और देश में इस क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य होने की बात कही। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करने के साथ साथ डॉ. वर्मा के ईसीई विभाग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए उनकी सराहना की। सम्माननीय अतिथि डॉ. सम्राट ने अपने संबोधन में कहा कि गुड ग्रोथ के लिए इस क्षेत्र में अच्छे डिजाइनर्स की आवश्कता है, साथ ही डिवाइस, सर्किट और सिस्टम के बीच की कड़ियों को समझाया।

उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए सेमीकंडक्टर आज के समय की मांग है। डॉ. सम्राट ने निकट भविष्य में सेमीकंडक्टर की मांग की संभावनाओं को देखते हुए भारत सरकार के इस क्षेत्र में निवेश करने की प्रशंसा भी की। अंत में डॉ बी. आचार्या ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और देश के विभिन्न कोनों से आए प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी।

इस एक सप्ताह की कार्यशाला में प्रतिभागियों को वीएलएसआई डिज़ाइन के माध्यम से सेमीकंडक्टर उपकरणों और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोगों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इस कार्यशाला में प्रतिभागी हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस के साथ-साथ मौखिक ज्ञान और इंटरैक्टिव चर्चाओं में हिस्सा लेकर सेमीकंडक्टर फिजिक्स, डिवाइस ऑप्टिमाइजेशन, फेब्रिकेशन टेक्नीक्स और वीएलएसआई डिज़ाइन पद्धतियों के बारे में जान पाएंगे।