साहित्य हमारे सामूहिक स्वप्नों को प्रतिबिंबित करता है: प्रो निगम
रायपुर l प्रदेश की साहित्यिक संस्था ” वक्ता मंच ” द्वारा रायपुर के गुरु घासीदास अकादमी में संपन्न एक कार्यक्रम में प्रदेश के 100 रचनाकारों को स्व. छत्रसिंह बच्छावत स्मृति साहित्य श्री सम्मान से विभूषित किया गया l इस अवसर पर राजधानी की प्रतिष्ठित लेखिका किरणलता वैद्य के बाल साहित्य पर केंद्रित 2 कविता संग्रह मुस्कान एवं मोनू मंकी का विमोचन भी संपन्न हुआ l संगीत शिक्षक विनय बोपचे के निर्देशन में बाल कलाकारों द्वारा विमोचित हो रहे काव्य संग्रह की कविताओं पर आधारित गीतों व बाल नाटिका का मंचन भी किया गया l
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शंकराचार्य वि वि भिलाई के पूर्व कुलपति डॉ एल एस निगम थे एवं अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र रावल ने की l विशिष्ट अतिथि की आसंदी पर के. पी. सक्सेना “दूसरे”, टी के भोई, सुरेश शुक्ला एवं प्रदीप वैद्य जी उपस्थित थे l कार्यक्रम का प्रभावी संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते एवं संयोजन शुभम साहू द्वारा किया गया l समापन समारोह छ ग कर्मकार मंडल मंडल के पूर्व अध्यक्ष सन्नी अग्रवाल के आथित्य में संपन्न हुआ l
इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि साहित्य से न केवल भाषा समृद्ध होती है बल्कि सामाजिक विवेक, सांस्कृतिक मूल्यों व मानवता के विकास का मार्ग प्रशस्त होता है l साहित्य हमारे सामूहिक स्वप्न को प्रतिबिंबित करता है l लेखकों को आम आदमी और उनके संघर्षों व जन सरोकारों के साथ जुड़ना पड़ेगा l समाज व संस्कृति को गहराई से समझे बिना कोई अच्छा लेखक नहीं बन सकता l
कार्यक्रम के दौरान रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, दुर्ग, भिलाई, कुम्हारी, गातापरा, गंडई, राजिम, भाटापारा, बिलाईगढ, मुंगेली, भैंसबौड, कुकरेल, खैरागढ़, बालोद, देवगाँव, बेरला, गरियाबंद, कुरुद्, धमतरी,गरियाबंद, धमधा, पांडुका, सारंगढ़, पिरदा, जामुल, आरंग, अम्लेश्वर सहित दूरस्थ क्षेत्रों से आये 100 से अधिक रचनाकारों को मोमेंटो व सम्मान पत्र से अभिनंदित किया गया l
कार्यक्रम के अंतिम सत्र में काव्य पाठ भी संपन्न हुआ जिसमें बडी संख्या में कवियों ने हिंदी, छत्तीसगढ़ी व उर्दू भाषा में धुआँधार प्रस्तुतियां दी l आज के आयोजन में विवेक बेहरा, मनीष अवस्थी, दुष्यंत साहू, राजाराम रसिक, राजू छत्तीसगढिया, पूर्नेश डडसेना, हरिशंकर सोनी, खेमेश्वर पूरी गोस्वामी, आशा मानव सहित अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे l