रायपुर: श्री आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर (लघु तीर्थ) में आज दिनाँक २४/०८/२०२४ भाद्रपद कृष्ण षष्ठी, निर्वाण संवत २५५०दिन : शनिवार को दिगंबर जैन महिला मंडल एवं कार्यकारिणी द्वारा आयोजित की जाने वाली धार्मिक आयोजन की श्रृंखला में जिनालय के मुलनायक आदिनाथ भगवान के समक्ष अखंड 12 घंटे श्री भक्तांबर स्त्रोत महापाठ का आयोजन किया गया।
महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती सरिता सुनील जैन ने बताया की संपूर्ण विश्व में समृद्धि एवं शांति बने रहे इस निमित्त चमत्कारिक श्री भक्तांबर स्त्रोत महापाठ का आयोजन किया गया।जिसमे समाज के सभी सदस्य ने सपरिवार उत्साह पूर्वक भाग लेकर अपनी श्रद्धा प्रकट की। आज के कार्यक्रम की शुरुवात मूलनाय आदिनाथ भगवान के समक्ष दीप प्रज्वलन कर को गई।तत्पश्चात सुबह 8 बजे से श्री भक्तांबर स्त्रोत शुरू किया गया।यह महापाठ निरंतर 12 घंटे अनवरत जारी रहा। आचार्य मानतुंग रचित स्त्रोत की महिमा का गुणगान कर भगवान आदिनाथ की आराधना की। इस दौरान धर्मावलंबियों में भक्ति का खूब रंग चढ़ा और मंदिर परिसर भक्तामर स्त्रोत की मधुर स्वरों लहरों से गूंज उठा। इसके उपरांत रात्रि 8 बजे भगवान आदिनाथ की संगीतमयी आरती उतारी गई।
अध्यक्ष श्रीमती सरिता जैन ने बताया की यह एक सुप्रसिद्ध चमत्कारिक स्तोत्र है। क्रुद्ध राजा नृपति द्वारा आचार्य मानतुङ्ग को बलपूर्वक पकड़वा कर 48 तालों के अन्दर बन्द करवा दिया गया था। उस समय धर्म की रक्षा और प्रभावना हेतु आचार्य श्री ने भगवान आदिनाथ की इस स्तुति की रचना की थी जिससे हर श्लोक के साथ एक एक करके 48 ताले स्वयं टूट गये थे और राजा ने क्षमा मांगकर उनके प्रति बड़ी भक्ति प्रदर्शित की थी । भक्तामर का प्रतिदिन पाठ समस्त विघ्न बाधाओं का नाशक और सब प्रकार मंगलकारक माना जाता है। इसका प्रत्येक श्लोक मंत्र मानकर उसकी आराधना भी की जाती है। इस महापाठ में शांति मंत्र का एक-एक शब्द और अर्थ मनुष्य के जीवन के लिए महाकल्याणकारी है सभी प्रकार के रोग और दुखों को निवारण करने वाला यह शांति मंत्र है।
आज के इस कार्यक्रम में विशेष रूप से सभी संरक्षिका श्रीमती शालिनी जैन,आभा जैन,संध्या जैन (ब्रह्मपुरी),श्रीमती अरुणा जैन गुरुकृपा,विमलादेवी जैन, सचिव सपना संजय जैन, कोषाध्यक्ष रेखा जैन,दीप्ति जैन, शालिनी जैन, ममता जैन, सुनीता जैन,ज्योति जैन, प्रीति जैन ,सोनम जैन , प्राची जैन, डिंपल जैन,संगीता के साथ साथ समाज की सभी महिलाओं एवं पुरषों ने बढ़ चढ़ कर बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।