जीरो गार्बेज एरिया के साथ स्वच्छता के नए आयाम को छूता अंबिकापुर

श्रीमती मृणमई पांडे, अंबिकापुर

अम्बिकापुर : वर्ष 2014 में अम्बिकापुर की महिला समूहों के माध्यम से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और कचरे के सेग्रीगेशन की योजना जब शुरू की गई थी तब किसी ने भी सोचा नहीं था कि एक छोटा सा दिखने वाला यह मॉडल जिले और प्रदेश का इतना मान बढ़ाएगा कि इस योजना की धूम विदेश तक पहुंचेगी । यह वह योजना है जिसने अम्बिकापुर शहर को लगातार पांच बार सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार दिलाया है । यह सब संभव हो पाया सिर्फ महिला समूहों की दिन रात की मेहनत और मॉडल के सफल क्रियान्वयन से । इस मॉडल को सफल बनाने में स्वच्छता दीदियों ने अपना बहुत महत्त्वपूर्ण योगदान निभाया । घर-घर से कचरा उठाने और कचरे के सही प्रबंधन को मिशन क्लीन सिटी नाम दिया गया और इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया ।

स्वच्छता दीदियों के कार्यों को सभी ने सराहा और इन महिला समूहों को देशभर में उत्कृष्ट कार्य करने का बेस्ट लाइवलीहुड अवार्ड भी वर्ष 2019 में मिला । अब समूह की महिलाएं दूसरे प्रदेश के लोगों को ट्रेनिंग दे रही हैं । अम्बिकापुर नगर निगम द्वारा अन्य प्रदेशों से ट्रेनिंग लेने आने वाले लोगों के लिए स्वच्छता दीक्षा सेंटर भी बनाया गया है, जिसमें बाहर के प्रतिनिधियों को कॉन्‍फ्रेंस और डिस्प्ले के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है । देशभर के लगभग हर राज्य के प्रतिनिधि यहाँ आकर प्रशिक्षण ले चुके हैं, यहां तक कि नेपाल सरकार के मुख्य सचिव भी अपनी टीम के साथ यहां आकर ट्रेनिंग ले चुके हैं।

वर्ष 2020 सर्वेक्षण में कचरे का कलेक्शन एव निपटान के साथ वेस्ट रिडक्शन हेतु अंबिकापुर में कई नवाचार किए गए । प्लास्टिक से दोना, सीमेंट प्लांट हेतु आरडीएफ, दीदी बर्तन बैंक, नेकी की दीवार आदि का प्रयोग कर जनसहभागिता सुनिश्चित किया गया । इस सर्वेक्षण में अंबिकापुर द्वारा तरल अपशिष्ट प्रबंधन में नालियों के पानी के उपचार हेतु प्राकृतिक पद्धति का प्रयोग कर वाटर रिसाइकलिंग के क्षेत्र में कार्य किया गया ।

उपचारित जल का प्रयोग निर्माण कार्य एवम् उद्यानों में किया जाता है । नगर के 36 सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों का सौंदर्याकरण कर बेहतरीन सुविधा सुनिश्चित की गई है । स्वच्छता श्रृंगार योजना के माध्यम से समूह की दीदियों को रोजगार के साथ शौचालय संचालन की व्यवस्था दी गई है ।

नगर से निकलने वाले मल प्रबंधन हेतु एफ एसटीपी प्लांट की स्थापना की गई । वहीं, नगर के 3000 से ज्यादा परिवारों द्वारा होम कम्पोस्टिंग के द्वारा गीले कचरे का घरों में निष्पादन किया जा रहा है । निगम द्वारा तैयार खाद का विक्रय कर आय अर्जन ओर जैविक खेती को बढ़ावा देने में भी कार्य हो रहा है । नगर में निकलने वाले मलबे को प्रोसेसिंग कर विभिन्‍न उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं ।

(यह लेखक के अपने विचार हैं)