राजिम कुंभ कल्प में पहुंचे निराहारी बाबा, पंद्रह सालों से अन्न का एक दाना नहीं किया ग्रहण

राजिम। राजिम कुंभ कल्प मेला में देश के विभिन्न स्थानों से साधु-संत, महात्मा पहुंचे हुए हैं। जिनका दर्शन लाभ श्रद्धालुओं को मिल रहा है। संत समागम में रोहिणीपुरम से स्वामी गौतमानंद जी महाराज पहुंचे हुए है। उनके कुटिया में श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन के लिए पहुंच रही हैं। आजीवन निराहार संत स्वामी गौतमानंद जी महराज ने चर्चा के दौरान बताया कि वर्ष 2010 से अब तक लगभग पंद्रह साल से अन्न का दाना भी पेट में नहीं डाला। सिर्फ एक बार दिन भर में दूध और पानी का सेवन करते हैं।

उनसे निराहार होने का कारण पूछने पर बताया कि किसी काम से बाहर रुकना पड़ा। उन्हें वहां का भोजन रुचिप्रद नहीं लगा, तब उन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि मुझे भूख ही न लगे ऐसी शक्ति दीजिए और पूरे पांच दिन बिना किसी समस्या के भूखे रहें। तब से उनका मनोबल बढ़ गया और निराहार रहने का संकल्प लिया। इस तपस्या में उनकी जीवन संगिनी भी सहयोग करती हैं। वह भी तीन दिन बिना भोजन के रहती हैं। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि खाना नहीं खाने से मुझे किसी प्रकार का रोग अब तक नहीं हुआ हैं, मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हुँ।

महाराज जी ने बताया कि उनके निवास रोहिणीपुरम में अखंड ज्योति बारहों मास जलता हैं। उन्होंने बताया कि जब तक वे जीवित हैं, यह ज्योति अनवरत जलेगा। सत्य का प्रमाण देने को जब कहा गया तो उन्होंने बताया कि एक गंभीर कोरोना पीड़ित उनकी शरण में आए तो उनके सिर पर हाथ रखते ही वे ठीक हो गए। कई लोगों पर उनके आशीर्वाद के चमत्कार हुए हैं।

उन्होंने कहा कि ढोंग करने से एक दिन सजा मिलती है, बुरे कर्म से डरिए। हम कहते नहीं करके दिखाते हैं। बताया कि लोगों की शारीरीक, मानसिक कष्ट का समाधान सहजता से करते हैं। संत-समागम स्थल पर निराहार बाबा ने अपने भक्तगणों से कहा कि कुमार्ग को छोड़कर सत्य के मार्ग में चलिए और जिस उद्देश्य के लिए जन्म हुआ हैं उसे अपना लक्ष्य बनाकर पूर्ण करें।