रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा है कि मुद्दाविहीन कांग्रेस सीबीआई की जाँच प्रक्रिया में सहयोग करने के बजाय लगातार संवैधानिक जाँच एजेंसियों के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करके प्रदेश को अराजकता के गर्त में धकेलने पर आमादा नजर आ रही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के खिलाफ गुरुवार को कांग्रेस का प्रदर्शन व पुतला दहन पूरे प्रदेश में नहीं हो पाना कांग्रेस की राजनीतिक दुर्दशा का स्पष्ट संकेत है, क्योंकि प्रदर्शन और पुतला दहन के जरिए दबाव बनाने के इस सियासी ड्रामे से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने दूरी बनाए रखी।
भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि दरअसल, कांग्रेस की भूपेश सरकार के कार्यकाल में बड़े नेताओं और सत्ता के गलियारों में लगातार परिक्रमा व चरण वंदना करने वालों ने ही सारी मलाई चट की थी और कांग्रेस का आम कार्यकर्ता इतना उपेक्षित रहा कि न तो सत्ता में उसकी कोई भागीदारी तय हुई और न ही संगठन के स्तर पर उनकी पीड़ा के प्रति जरा भी संवेदना प्रदर्शित की गई। यह स्थिति पूरे प्रदेश में कांग्रेस के शासनकाल में रही। कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मंचों पर अपनी पीड़ा साझा की तो उल्टे कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं के आत्म-सम्मान को सरेआम स्लीपर सेल और सत्ता-सुख व सुविधाभोगी बताकर लहूलुहान करने का काम किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज जब सीबीआई के छापे पड़े हैं तो वे कार्यकर्ता कांग्रेस नेताओं के बिगड़े बोल का हिसाब चुकता कर पूरे प्रदेश में इस आंदोलन से दूर ही रहे।
भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी श्री अग्रवाल ने कहा कि सीबीआई जाँच को लेकर कांग्रेस दोहरे चरित्र का प्रदर्शन कर रही है। जब प्रदेश में भूपेश सरकार थी, तब सीबीआई को प्रदेश में प्रतिबंधित कर दिया गया था और सत्ता से उखाड़ फेंके जाने के बाद कांग्रेस के नेता घोटालों के अनेक मामलों में सीबीआई जाँच की मांग करने लगे और इनमें पूर्व मुख्यमंत्री बघेल भी शरीक हैं। अभी विधानसभा के बजट सत्र में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत सहित कांग्रेस विधायकों ने फिर सीबीआई जाँच की मांग की और जाँच नहीं होने पर मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से इसकी शिकायत करने की चेतावनी तक दी। श्री अग्रवाल ने हैरत जताई कि अब जबकि सीबीआई की जाँच प्रक्रिया चल रही है तो कांग्रेस के नेताओं में बदहवासी दिख रही है! कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता स्तर के लोग सारी मर्यादाएँ लांघकर सीबीआई अधिकारियों का रास्ता रोकने, उन्हें अपने काम से रोकने और उनके बैग छीनने तक की कोशिश करके आखिर क्या साबित करना चाह रहे हैं?