प्रतिभागियों ने रचनात्मकता और समयबद्धता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, “विरासत” को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार
रायपुर, छत्तीसगढ़। AAFT यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ सिनेमा द्वारा सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) गोल के अंतर्गत 48-घंटे फिल्म निर्माण चुनौती का आयोजन किया गया। इस प्रतिस्पर्धा में 50 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिन्हें एक निर्धारित विषय पर 48 घंटों के भीतर फिल्म की शूटिंग, संपादन और प्रस्तुति करनी थी।
21 मई को हुआ पुरस्कार वितरण समारोह
यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य पुरस्कार समारोह में विजेताओं को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया। दर्शकों को प्रतिभागियों की कल्पनाशक्ति, समर्पण और फिल्म निर्माण कौशल का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिला।
विजेताओं की शानदार उपलब्धियाँ
इस चुनौती में कई प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता और तकनीकी क्षमता से सबको प्रभावित किया।
• सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार स्कूल ऑफ सिनेमा के सुमंथ मारोजू द्वारा निर्देशित फिल्म “विरासत” को मिला।
• इसी फिल्म के लिए सुमंथ मारोजू को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, ज्योति कुमारी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री, और सौरव कुमार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के सम्मान से नवाजा गया।
• तेजस्मय माझी को “विरासत” के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल साउंडट्रैक का पुरस्कार मिला।
तकनीकी श्रेणियों में:
• Directed by Pradeep Netanm and written by Ritik Kumar ko “The Last Drop” को सर्वश्रेष्ठ कहानी, और ओम भुम्बर को सर्वश्रेष्ठ साउंड डिज़ाइनर का पुरस्कार मिला।
• “Equality Matters” के लिए भोपाल से आए सचिन खतर्कर को सर्वश्रेष्ठ पटकथा लेखक का सम्मान मिला।
• “Echoes” फिल्म के लिए शंकर मलिक को सर्वश्रेष्ठ फिल्म संपादक, जबकि साहिल राज और अमन कुमार को सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफर के रूप में सम्मानित किया गया।
इन पुरस्कारों ने यह सिद्ध किया कि सीमित संसाधनों और समय में भी उत्कृष्टता संभव है, यदि समर्पण और रचनात्मकता साथ हो।
हर साल की तरह विशेष पुरस्कार की प्रतीक्षा
इस वर्ष भी “48-Hour Film Making Challenge Academic Award” की घोषणा बाकी है। यह पुरस्कार उस फिल्म को प्रदान किया जाएगा जो पटकथा, कहानी, सिनेमैटोग्राफी, साउंड डिज़ाइन, बैकग्राउंड स्कोर, डायलॉग मिक्सिंग, संपादन, अभिनय और निर्देशन के हर पहलू में उच्च गुणवत्ता और संतुलन प्रदर्शित करती हो।यह अवॉर्ड न केवल तकनीकी दक्षता को, बल्कि संपूर्ण सिनेमाई दृष्टिकोण और भावनात्मक उपयोग को मान्यता देगा। यह पुरस्कार उन विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा बनेगा, जो रचनात्मकता, समय प्रबंधन, टीम भावना और कलात्मकता को प्रभावी ढंग से फिल्म में शामिल करना जानते हैं।
स्कूल ऑफ म्यूजिक की शानदार प्रस्तुति से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
इस यादगार शाम की शुरुआत स्कूल ऑफ म्यूजिक की शानदार म्यूज़िकल परफॉर्मेंस से हुई, जिसने पूरे ऑडिटोरियम में जोश और ऊर्जा भर दी। इसके बाद, “विरासत” फिल्म के लिए सुमंथ मारोजू द्वारा लिखा और तेजस्मय माझी द्वारा कंपोज तथा परफॉर्म किया गया मूल गीत जब मंच पर प्रस्तुत हुआ, तो उसकी “Electrifying Performance” ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और समारोह की गरिमा को और ऊँचाइयों तक पहुँचा दिया।
एसडीजी गोल के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को सतत विकास लक्ष्यों के प्रति जागरूक करना और सामाजिक मुद्दों पर विचारशील एवं रचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करना था। स्कूल ऑफ सिनेमा द्वारा यह एक सकारात्मक शैक्षणिक पहल रही, जो मीडिया और फिल्म शिक्षा को सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ती है।
चुनौतियाँ और महत्वपूर्ण सीख
प्रतिभागियों ने इस चुनौती के दौरान कई व्यावहारिक समस्याओं का सामना किया – जैसे समय प्रबंधन, टीमवर्क, तकनीकी रुकावटें, और सीमित संसाधनों में समाधान निकालना। उन्होंने यह भी सीखा कि डेडलाइन के भीतर कैसे कुशलतापूर्वक काम किया जाता है – जो फिल्म इंडस्ट्री की बुनियादी मांगों में से एक है।
फिल्म निर्माण के लिए एक मजबूत नींव
प्रतिभागियों ने बताया कि इस अनुभव से उन्हें त्वरित निर्णय लेने, टीम के साथ समन्वय बनाने, लोकेशन और लाइटिंग की व्यावहारिक समझ, और संपादन की रफ्तार को नियंत्रित करने जैसे आवश्यक कौशल प्राप्त हुए। यह अनुभव भविष्य में उनके फिल्म निर्माण करियर की नींव को सुदृढ़ करेगा।
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आयोजकों की सराहना व इंटरव्यू सत्र
आयोजन के अगले दिन सभी विजेताओं और प्रतिभागियों का औपचारिक इंटरव्यू सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने अपने अनुभव साझा किए। सभी प्रतिभागी औपचारिक परिधान में अपने पुरस्कार और प्रमाणपत्र के साथ शामिल हुए। यह सत्र न केवल दस्तावेजीकरण के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सभी के लिए प्रेरणादायक अनुभव भी बना।