मोदी का 11वां साल: भारत के बदलाव में एक बड़ी उपलब्धि

Photo :@HardeepSPuri

हरदीप एस पुरी, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री, भारत सरकार

लोकतंत्रों से अपेक्षा की जाती है कि वे वंचितों और अल्पवंचितों तक सेवाओं और सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने में उच्च मानकों पर खरे उतरें। भारत में यह कसौटी और भी कठोर है। कोई भी नारा बिना उद्देश्य के और कोई भी दावा बिना परिणाम के नहीं टिकता। वास्तविक बदलाव का फायदा समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए, क्योंकि हमारे लोकतंत्र में, अंत्योदय (समाज के अंतिम व्यक्ति के उत्थान) के लिए वोट किया जाता है। यही कारण है कि मोदी 3.0 के एक वर्ष में, दिल्ली, महाराष्ट्र और हरियाणा में मिले शानदार जनादेश केवल राजनीतिक उपलब्धि नहीं हैं, बल्कि वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि आज के भारत में, बयानबाजी नहीं, बल्कि काम करके भरोसा जीता जाता है।

‘अंत्योदय के माध्यम से सर्वोदय’ के दर्शन पर आधारित कार्यक्रम यह सुनिश्चित करते हैं कि देश के विकास में कोई भी भारतीय पीछे न छूट जाए। 25 करोड़ से अधिक लोगों को कई तरह की गरीबी से बाहर निकाला गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक किसानों को ₹3.68 लाख करोड़ से अधिक वितरित किए गए हैं। ‘लखपति दीदी’ पहल ने एक करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाओं को सालाना ₹1 लाख से अधिक आय प्राप्त करने का अधिकार दिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 3 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है।

जल जीवन मिशन के तहत, 15.44 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का निःशुल्क स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के लिए, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) का विस्तार किया गया है, चाहे उनकी आय कुछ भी हो। इससे लगभग 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को लाभ होने की उम्मीद है, जिससे उन्हें व्यापक स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। इसके अलावा, इस योजना का विस्तार करके अग्रिम पंक्ति के सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी इसमें शामिल किया गया। ये चौंका देने वाले आंकड़े केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि लाखों भारतीय घरों में बदलाव की कहानियां हैं।

आतंकवादियों के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति से संबंधित प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता पहलगाम हमले के बाद त्वरित प्रतिक्रिया में स्पष्ट थी, जहां आतंकवादियों ने निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया था। देश ने नुकसान पर शोक व्यक्त किया, लेकिन एकजुट होकर ऑपरेशन सिंदूर को सटीकता और दबदबे के साथ अंजाम दिया, जिससे उसके आतंकवाद से लड़ने और अपने नागरिकों की रक्षा करने के संकल्प की पुष्टि हुई। दुनिया ने प्रधानमंत्री मोदी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व द्वारा समर्थित भारतीय रक्षा बलों की तकनीकी और रणनीतिक श्रेष्ठता देखी है।

दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति आत्मनिर्भरता के लिए रणनीतिक निवेश से मेल खाती है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की व्यापक सटीकता, आंशिक रूप से कई वर्षों तक स्वदेशी रक्षा क्षमता पर लगातार ध्यान केंद्रित करने के कारण सक्षम हुई। 2014 के बाद, भारत के रक्षा विनिर्माण का तेजी से आधुनिकीकरण हुआ है, निर्यात में भारी बढ़ोतरी हुई है। यह परिवर्तन अचानक नहीं हुआ है। आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत, रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी), रक्षा उत्पादन और निर्यात प्रोत्साहन नीति (डीपीईपीपी) जैसे प्रमुख सुधार और कुछ क्षेत्रों के लिए 100% एफडीआई खोलने से घरेलू कंपनियों को फलने-फूलने में मदद मिली है।

ड्रोन और उसके कलपुर्जों के लिए दो विशेष पीएलआई योजनाओं की शुरुआत से अगली पीढ़ी के नवाचार को और भी बढ़ावा मिला है। आज, भारत द्वारा डिजाइन की गई मिसाइल प्रणाली, बख्तरबंद वाहन और नौसैनिक प्लेटफॉर्म न केवल हमारी सेनाओं में तैनात हैं, बल्कि 80 से अधिक देशों को निर्यात किए गए हैं। इससे ऐसे समय में क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत की छवि मजबूत हुई है, जब विश्वसनीय रक्षा भागीदारों पर वैश्विक भरोसा बहुत अधिक है।

विनिर्माण इसी नजरिये के केंद्र में है। भारत बड़े निवेश और सरकारी प्रोत्साहनों के कारण सेमीकंडक्टर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स असम में ₹27,000 करोड़ के निवेश से सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण संयंत्र बना रहा है, जिसके 2025 के मध्य तक परिचालन में आने और लगभग 27,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। इस बीच, एचसीएल और फॉक्सकॉन का ₹3,706 करोड़ का संयुक्त उद्यम उत्तर प्रदेश के जेवर में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए तैयार है, जो डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स पर ध्यान केंद्रित करेगी और इसका उत्पादन 2027 में शुरू होगा।
भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसमें 1.57 लाख से ज्यादा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। इनमें 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न और 3,600 से ज्यादा डीप-टेक वेंचर शामिल हैं जो एआई, बायोटेक और सेमीकंडक्टर पर केंद्रित हैं। अकेले हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र में 200 से ज्यादा स्टार्टअप सामने आए हैं, जो एक भरोसेमंद इनोवेशन अर्थव्यवस्था के उदय का संकेत है। स्टार्टअप इकोसिस्टम ने पहले ही 17.2 लाख से ज्यादा प्रत्यक्ष रोजगार पैदा किए हैं और समस्या-समाधानकर्ताओं (प्रॉब्लम सॉल्वर्स) एवं उद्यमियों की एक नई पीढ़ी को प्रेरित किया है।

इस बीच, भारत धीरे-धीरे दुनिया के सबसे जुड़े हुए लोकतंत्र के रूप में उभरा है। 80 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स और 136 करोड़ आधार नामांकन के साथ, यह दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल पहचान कार्यक्रम बन गया है। अब हमारी वैश्विक डिजिटल पेमेंट में 46% हिस्सेदारी हो गई है, जो यूपीआई जैसे प्लेटफॉर्म पर आधारित है जिसने वित्तीय लेन-देन को सभी के लिए आसान बना दिया है। इन प्रणालियों ने न केवल नागरिकों को सशक्त बनाया है बल्कि शासन को और भी स्मार्ट, तेज और पारदर्शी बनाया है।

2024-25 के केंद्रीय बजट में हमारी सरकार की निर्णय लेने की क्षमता साफ नजर आती है। कुल व्यय ₹44.6 लाख करोड़ निर्धारित किया गया, जिसमें पूंजीगत व्यय को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाकर ₹10 लाख करोड़ किया गया। कर छूट को बढ़ाया गया, मध्यम वर्ग के लिए रिबेट दोगुनी कर दी गई और लंबे समय से स्टार्टअप के लिए चिंता का विषय रहे एंजल टैक्स को समाप्त कर दिया गया। इन सुधारों से उपभोग में बढ़ोतरी होती है, उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलता है और भारत के दीर्घकालिक विकास पथ को मजबूती मिलती है।

ताजा समाचारों के लिए टेलीग्राम ग्रुप अभी ज्वाइन करें
https://t.me/MediaPassion1

मीडिया पैशन के व्हाट्स ऐप चैनल को अभी ज्वाइन करें
https://whatsapp.com/channel/0029VaFDqecHwXbGsQkLhI18

मोदी 3.0 के एक साल पूरे होने पर, बदलाव स्पष्ट नजर आ रहा है। सड़कें, कारखाने और सौर पैनल सिर्फ प्रगति के संकेत नहीं हैं, बल्कि वे आकांक्षाओं की नींव हैं। आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक सहित हर क्षेत्र में भारत राष्ट्रीय स्तर पर नवीनीकरण का एक नया अध्याय लिख रहा है। जनादेश भी स्पष्ट है। विजन बरकरार है। और, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, निर्णायक दशक अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। इतिहास इस वक्त को सिर्फ तेज विकास के चरण के रूप में ही नहीं, बल्कि उस क्षण के रूप में दर्ज करेगा, जब भारत ने विश्वास किया, बदलाव किया और नेतृत्व किया है।