केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर का नारायणपुर दौरा

आकांक्षी जिले परिवर्तन के इंजन हैं – मंत्री ने नारायणपुर में तीव्र विकास की आवश्यकता पर दिया जोर

रायपुर। आकांक्षी जिले भारत की उस भावना का प्रतीक हैं, जिसमें शासन, विकास और गरिमा को देश के हर अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने का संकल्प निहित है। नारायणपुर केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय विकास यात्रा में एक प्राथमिकता है। यह बात केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने आज नारायणपुर जिले के दौरे के दौरान कही। उनका दौरा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई आकांक्षी जिलों कार्यक्रम (ADP) के अंतर्गत हुआ — जिसका उद्देश्य भारत के सबसे पिछड़े जिलों में एकीकृत योजनाओं, सहभागिता और प्रतिस्पर्धा के माध्यम से समग्र विकास को गति देना है।

डॉ. पेम्मासानी के दौरे ने केंद्र सरकार की उस प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिसके तहत नारायणपुर जैसे जिलों में स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत संरचना, वित्तीय समावेशन और आजीविका जैसे प्रमुख क्षेत्रों में मापनीय प्रगति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे कल्याणकारी योजनाओं के शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाने और संवेदनशील, पारदर्शी व परिणामोन्मुखी शासन व्यवस्था को जमीनी स्तर तक ले जाने पर जोर दें।

मंत्री ने अपने दौरे की शुरुआत ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अंतर्गत खड़का गांव में वृक्षारोपण से की। वहाँ पर स्थानीय आदिवासी समुदाय ने उन्हें पारंपरिक नृत्य और संगीत के साथ स्वागत कर क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया।

एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने आकांक्षी जिलों की रूपरेखा के अंतर्गत जिले के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया और विभिन्न विभागों के बीच योजनाओं के समन्वय और समुदाय-आधारित क्रियान्वयन पर बल दिया। उन्होंने डेटा-आधारित शासन, सामुदायिक भागीदारी और समयबद्ध परियोजना निष्पादन को प्राथमिकता देने की बात कही।

आंतरिक सुरक्षा और विकास पर बोलते हुए मंत्री ने कहा, नक्सल-मुक्त भारत अभियान’ के तहत नारायणपुर 31 मार्च 2026 तक नक्सल-मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। असली समाधान केवल सुरक्षा बलों में नहीं, बल्कि विकास-आधारित शांति और विश्वास-निर्माण में है।
डॉ. पेम्मासानी ने अपने क्षेत्रीय दौरे के दौरान खड़का गांव में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत बनी नई सड़क का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण संपर्क, विशेष रूप से वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में, शांति, सुरक्षा और समावेशी विकास की रीढ़ है।

इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के लाभार्थियों से संवाद किया और श्रीमती पार्वती पोटाई के घर का दौरा किया। उन्होंने कहा कि ये घर केवल आश्रय नहीं, बल्कि गरिमा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता के प्रतीक हैं, जो मनरेगा और अन्य योजनाओं के समन्वय से संभव हुए हैं।
शिक्षा-केंद्रित पहल के तहत मंत्री ने गड़ांजी स्थित ‘परियाणा’ शिक्षा केंद्र का दौरा किया, जहां अबुझमाड़ क्षेत्र के आदिवासी छात्रों को नि:शुल्क JEE/NEET कोचिंग दी जाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही सबसे प्रभावशाली परिवर्तन का माध्यम है, और इस प्रकार की पहलें दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक होंगी।

इसके साथ ही मंत्री ने दिव्यांग बच्चों के लिए आवासीय छात्रावास का भी दौरा किया और सुगम्य भारत अभियान के तहत तैयार की गई समावेशी व सुलभ संरचना की सराहना की। उन्होंने कहा कि सम्मानजनक और समावेशी विकास ही सच्ची प्रगति का मार्ग है।

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डॉ. पेम्मासानी के इस दौरे ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्र सरकार नारायणपुर जैसे आकांक्षी जिलों के समग्र विकास हेतु कल्याण, आधारभूत ढांचा, मानव विकास और संस्थागत सुधार को सहानुभूति, उत्तरदायित्व और समावेशी शासन के साथ आगे बढ़ा रही है।