रायपुर, छत्तीसगढ़, 8 अगस्त : एक ऐतिहासिक परोपकारी पहल के तहत, मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन (MOF) ने छत्तीसगढ़ के दो प्रमुख शिक्षण संस्थानों, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर को 101 करोड़ और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) रायपुर को ₹71 करोड़ का अनुदान देने का संकल्प लिया है।
मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन (एमओएफ) ने छत्तीसगढ़ की दो प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) रायपुर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) रायपुर – को कुल ₹172 करोड़ की सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। इसमें ₹101 करोड़ IIM रायपुर और ₹71करोड़ NIT रायपुर को दिए जाएंगे।
इस सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर आज रायपुर स्थित डीडीयू ऑडिटोरियम में हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री राजेश मूणत, एनआईटी रायपुर के चेयरमैन डॉ. सुरेश हावरे, आईआईएम रायपुर के चेयरमैन श्री पुनीत डालमिया, एनआईटी के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव, आईआईएम रायपुर के प्रभारी निदेशक डॉ. संजीव प्रशार, स्किल डेवेलपमेंट विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन (आईएएस) और श्री रामदेव अग्रवाल सहित संस्थानों और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
यह पहल, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और सह-संस्थापक तथा मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन के ट्रस्टी श्री रामदेव अग्रवाल के लिए व्यक्तिगत तौर पर बेहद खास है। रायपुर के पास, नागपुरा गांव के मूल निवासी, श्री अग्रवाल अपनी जन्मभूमि और शुरुआती शिक्षा की इस भूमि को कुछ लौटाने का संकल्प लेकर यह योगदान दे रहे हैं। उनका यह निवेश ऐसे संस्थानों में हो रहा है, जो इस क्षेत्र के भविष्य को परिभाषित करेंगे।
IIM रायपुर में विश्वस्तरीय सुविधाएं और अंतर्राष्ट्रीय प्रोग्राम
IIM रायपुर को मिली सहायता से ‘अग्रवाल ओसवाल स्टूडेंट रेजिडेंस’ नामक 202 कमरों वाला छात्रावास और श्री अग्रवाल के दिवंगत पिताजी की स्मृति में ‘दाऊ राम गोपाल अग्रवाल नॉलेज सेंटर’ नामक एक एकेडमिक ब्लॉक का निर्माण होगा। इन नए निर्माणों से 2030 तक छात्रों की क्षमता 500 से बढ़कर 1,200 हो जाएगी।
इस फंडिंग से यूएसए, यूके, फ्रांस और जर्मनी के प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर छह अंतर्राष्ट्रीय दो वर्षीय दोहरी डिग्री वाले MBA प्रोग्राम भी शुरू किए जाएंगे। यह आईआईएम रायपुर को उत्कृष्ट स्तर के प्रतिष्ठित संस्थानों में स्थापित करने में मदद करेगा।
NIT रायपुर में इनोवेशन और उद्यमिता का केंद्र
NIT रायपुर में “श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप इन इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (MACIEET)” की स्थापना की जाएगी। यह केंद्र श्री अग्रवाल की स्वर्गीय माताजी की स्मृति में बनाया जाएगा। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, ब्लॉकचेन, IoT, और क्लीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक लैब्स होंगी। लक्ष्य है कि वर्ष २०३० तक १०,००० से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए, २५० से अधिक स्टार्टअप्स को इनक्यूबेट किया जाए और ५,००० से अधिक रोजगारों का सृजन किया जाए।दोनों परियोजनाओं का निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष २०२५–२६ से शुरू होकर २०२७–२८ तक पूरा होने की उम्मीद है। यह प्रयास “विकसित भारत @२०४७” के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहयोग करेगा।
श्री रामदेव अग्रवाल, ट्रस्टी, मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन, ने कहा, “छत्तीसगढ़ ही वह जगह है जहाँ मेरी जड़ें हैं। एक किसान के बेटे के रूप में, मैं इसी धरती के करीब पला-बढ़ा हूँ। इस मिट्टी, इसकी आत्मा और इसकी सादगी ने ही मेरे मूल्यों और मेरी जीवन यात्रा को आकार दिया है। सीखने की मेरी पहली सीढ़ी यहीं से शुरू हुई थी, और जीवन में मैंने जो कुछ भी हासिल किया है, उसकी ताकत मुझे उसी नींव से मिलती है। शिक्षा ने मेरे लिए ऐसे दरवाजे खोले जिनकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, और मैंने यह भी देखा है कि सही समय पर सही मदद कैसे किसी की ज़िंदगी को बदल सकती है। IIM रायपुर और NIT रायपुर को यह मदद देना मेरे लिए एक पूर्ण चक्र (full circle) जैसा है, जहाँ मुझे छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को सहारा देने का मौका मिला है। मेरा सपना है कि इस क्षेत्र से विश्वस्तरीय संस्थान उभरें, जो युवा मनों को एक ऐसा माहौल दें जहाँ वे प्रेरित, समर्थित और बड़े सपने देखने के लिए आश्वस्त महसूस करें।“
श्री मोतीलाल ओसवाल, चेयरमैन, मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन: “यह पड़ाव मेरे लिए बेहद व्यक्तिगत है। रायपुर ने मुझे एक ऐसा कारोबारी साथी और आजीवन मित्र दिया, रामदेव अग्रवाल, जो इसी पवित्र धरती के बेटे हैं। 40 साल से अधिक की हमारी यह यात्रा साझा मूल्यों, विश्वास, प्रयासों, विचारों और इरादों के चक्रवृद्धि प्रभाव (कम्पाउंडिंग) की खामोश ताकत पर बनी है। यह योगदान उस भूमि को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है, जिसने हमारे विकास के बीज बोए। हमें उम्मीद है कि ये संस्थान रामदेव जैसे सैकड़ों छात्रों को आत्मविश्वास, उद्देश्य और बड़े सपने देखने के साहस के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे।“
श्री पुनीत डालमिया, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, आईआईएम रायपुर ने कहा, “मोतीलाल ओसवाल फाउंडेशन का यह सहयोग संस्थान की क्षमता को बढ़ाएगा, शैक्षणिक उत्कृष्टता को और गहराई देगा और भारतभर के छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा के अवसर प्रदान करेगा। यह पहल हमें एक समावेशी और प्रभाव-उन्मुख नेतृत्व की नई पीढ़ी को तैयार करने में सक्षम बनाती है। हमें गर्व है कि हम उस राष्ट्र निर्माण की दृष्टि का हिस्सा हैं, जिसमें आईआईएम रायपुर जैसे संस्थानों को भारत की वैश्विक प्रगति के केंद्र में स्थान दिया गया है।”
डॉ. सुरेश हावरे, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, एनआईटी रायपुर ने कहा, “यह ऐतिहासिक त्रिपक्षीय सहयोग — समाजसेवा, सरकार और शिक्षा जगत — को एक साथ लाकर प्रगति के लिए एक सशक्त उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। ‘श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ केवल एक इमारत नहीं है, बल्कि यह मध्य भारत में नवाचार के एक नए युग की आधारशिला है। डीप-टेक अनुसंधान और उद्यमिता की भावना को प्रोत्साहित करके, हम एक आत्मनिर्भर इकोसिस्टम तैयार कर रहे हैं जो हमारे युवाओं को सशक्त बनाएगा, हमारे उद्योगों को मजबूत करेगा और छत्तीसगढ़ को तकनीकी प्रगति के केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। यह अनूठा साझेदारी मॉडल क्षेत्रीय विकास और राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता को गति देने के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।”
डॉ. एन. वी. रमना राव, निदेशक, एनआईटी रायपुर ने कहा, “‘श्रीमती मिथिलेश अग्रवाल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ हमारी ‘विकसित भारत @२०४७’ की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह केंद्र एनआईटी रायपुर और पूरे क्षेत्र के लिए नवाचार का केंद्रबिंदु बनेगा, जो छत्तीसगढ़ के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों की सेवा करेगा। हमारी अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं जैसे एआई, रोबोटिक्स और क्लीन एनर्जी के माध्यम से हम अत्याधुनिक समाधान प्रदान करेंगे, १०,००० से अधिक पेशेवरों को प्रशिक्षित करेंगे और २५० स्टार्टअप्स को सहयोग देंगे। हम एक गतिशील कार्यबल तैयार कर रहे हैं और औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे हमारी शैक्षणिक उत्कृष्टता व्यावसायिक विकास और एक टिकाऊ, प्रौद्योगिकी-आधारित भविष्य में रूपांतरित हो सके।”
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यह पहल मानवीय क्षमता में एक निवेश है, जो सपनों को संवारती है और एक ऐसे सशक्त, समावेशी भारत के संकल्प को सशक्त बनाती है, जो देश के हर कोने से आगे बढ़ता है, उस भूमि सहित जिसने श्री रामदेव अग्रवाल की जीवन यात्रा को आकार दिया।