छत्तीसगढ़ के 382 से अधिक दिव्यांगों को निःशुल्क कृत्रिम हाथ-पैर से मिलेगी आसान जिंदगी की सौगात
रायपुर, 22अगस्त।दिव्यांगजनों और मानव सेवा के लिए समर्पित उदयपुर का नारायण सेवा संस्थान अब छत्तीसगढ़ की धरती पर उन जीवन दीपों को फिर से प्रकाशमान करने जा रहा है, जो बीमारी,हादसों और दुर्घटनाओं की अंधेरी रात में बुझ गए थे। संस्थान द्वारा रविवार 24 अगस्त को रायपुर स्थित शगुन फार्म, वीआईपी रोड, विशाल नगर पर प्रातः 8 बजे से सायं 6 बजे तक निःशुल्क नारायण लिम्ब एवं कैलीपर्स फिटमेंट शिविर आयोजित होगा।
शिविर का उद्घाटन समारोह प्रातः 11 बजे होगा, जिसमें केवल पूर्व चयनित दिव्यांग ही लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर 382 दिव्यांगजन, जिन्हें संस्थान ने 13 अप्रैल के निःशुल्क नारायण लिंब मेजरमेंट कैंप में चयनित किया था, कृत्रिम अंग पाकर नई जिंदगी की ओर कदम बढ़ाएँगे।
संस्थान के मीडिया एवं जनसंपर्क निदेशक भगवान प्रसाद गौड़ ने बताया कि संस्थान विगत 40 वर्षों से देश-विदेश में लाखों दिव्यांगों को उनके ही शहर और घर के नजदीक सेवा पहुंचा रहा है। रायपुर में अब वही दिव्यांग, जो किसी हादसे के बाद अपने परिवार पर बोझ समझे जाने लगे थे, संस्थान की जर्मन टेक्नोलॉजी से निर्मित नारायण लिम्ब पहनकर अपने पैरों पर खड़े होंगे और समाज की मुख्यधारा में लौटेंगे।
निदेशक गौड़ ने कहा – “हर समृद्ध समाज की शक्ति उसके प्रत्येक नागरिक में बसती है। जब दिव्यांग सशक्त होते हैं तो देश की प्रगति का रथ और गतिमान हो जाता है।”
वार्ता के दौरान निदेशक गौड़, शिविर प्रभारी हरि प्रसाद लड्ढा, आश्रम प्रभारी भरत पालीवाल और हेमंत मेघवाल ने इस शिविर का पोस्टर भी जारी किया।
संस्थान अब तक भारत ही नहीं बल्कि केन्या, युगांडा, मेरु, तंजानिया और नेपाल जैसे देशों में भी सेवा के दीप जला चुका है। प्रतिमाह लगभग 1800 से अधिक कृत्रिम हाथ-पैर लगाए जा रहे हैं। शिविर की भव्यता को बढ़ाने के लिए अनेक संतों, गणमान्य नागरिकों और समाजसेवियों को आमंत्रित किया गया है। आने वाले दिव्यांगों के लिए निःशुल्क भोजन और लिम्ब फिटमेंट के बाद चलने की व्यवस्थित ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है। शिविर में पूर्व लाभान्वित दिव्यांग भी उपस्थित रहेंगे, जो अपने अनुभवों से नव लाभार्थियों का हौसला बढ़ाएँगे।
यह शिविर केवल कृत्रिम अंगों का वितरण नहीं, बल्कि उम्मीद और आत्मनिर्भरता की सौगात है। यह उन दिव्यांगों की मुस्कुराहट है, जिनकी दुनिया रुक गई थी और अब फिर से दौड़ने वाली है।
नारायण सेवा संस्थान 1985 से “नर सेवा ही नारायण सेवा है” की भावना से कार्यरत है। संस्थापक श्री कैलाश मानव जी को उनकी अद्वितीय सेवा भावना के लिए राष्ट्रपति महोदय द्वारा पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किया गया है। हाल ही में 30 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें सामुदायिक सेवा एवं सामाजिक उत्थान श्रेणी में राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया।
संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल दिव्यांगों के लिए मेडिकल, शिक्षा, कौशल विकास और खेल अकादमी जैसी पहल से लाखों जीवनों को संबल प्रदान कर चुके हैं। वर्ष 2023 में उन्हें भी राष्ट्रपति पुरस्कार से अलंकृत किया गया। अब तक संस्थान 40,000 से अधिक कृत्रिम अंग नि:शुल्क लगा चुका है।
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उल्लेखनीय है कि संस्थान की सेवा-यात्रा के अंतर्गत, 44वां दिव्यांग सामूहिक विवाह समारोह 30-31 अगस्त को उदयपुर में आयोजित होगा, जहाँ 51 जोड़े जीवन की नई शुरुआत करेंगे।
(भगवान प्रसाद गौड़)