रायपुर, 14 सितम्बर 2025 : छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2025 की तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधिपति, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय-सह-मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में गठित नेशनल लोक अदालत की दोनों खण्डपीठों के पीठासीन न्यायमूर्तिगण माननीय श्रीमती न्यायमूर्ति रजनी दूबे एवं माननीय श्री न्यायमूर्ति दीपक कुमार तिवारी से चर्चा करते हुए नेशनल लोक अदालतों की कार्यवाहियों का जायजा लिया गया एवं जिला एवं सत्र न्यायालय बिलासपुर में भौतिक निरीक्षण किया गया।
माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय द्वारा शेष समस्त जिला एवं सत्र न्यायालयों में आयोजित नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों का वर्चुअल माध्यम से भी निरीक्षण किया गया। माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय समस्त जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों के साथ संवाद व चर्चा की गई तथा नेषनल लोक अदालत की प्रगति का जायजा लेकर उन्हें अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण हेतु मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित किया गया।
माननीय मुख्य न्यायाधिपति महोदय के द्वारा की गई यह पहल लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ पक्षकारों में विष्वास सृजित करेगा और लोक अदालत को और विष्वसनीयता और प्रमाणिकता प्रदान करेगा। यह उल्लेखनीय है कि “जनसामान्य को शीघ्र, सुलभ एवं सस्ता न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से लोक अदालत का आयोजन तहसील, जिला एवं उच्च न्यायालय स्तर पर किया जाता है। इसमें विवादों का निपटारा आपसी समझौते व सौहार्दपूर्ण वार्ता के माध्यम से किया जाता है। लोक अदालत में आपसी सहमति से निराकृत मामलों में अपील का प्रावधान नहीं होता तथा वादियों को पूर्व में जमा किया गया संपूर्ण न्याय शुल्क वापस कर दिया जाता है।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत में दो खण्डपीठ का गठन किया गया था जिसमें क्रिमिनल 07, सिविल 64 व रिट 62 व अन्य सिविल मामले के कुल 01 प्रकृति के कुल 134 प्रकरण का निकराकरण किया गया और दो करोड़ सत्तर हजार का अवार्ड पारित किया गया है।
इसी प्रकार सम्पूर्ण राज्य में उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों में 13 सितम्बर 2025 को आयोजित नेषनल लोक अदालत में प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कुल 47 लाख 02 हजार 692 प्रकरणों का निराकरण करते हुए कुल 7 अरब 39 करोड़ 48 लाख 78 हजार 898 रूपए का अवार्ड पारित किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में तकनीकी का उपयोग करते हुए जहां पक्षकार नहीं आ सके उन्हें वर्चुअल माध्यम से भी जोड़कर तथा मोबाईल वेन के माध्यम से लोक अदालत में प्रकरणों का निराकरण किया गया।
माननीय श्री न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधिपति, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल, कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, माननीय श्री न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू अध्यक्ष उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीषों, लोक अदालत की खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों, अधिवक्तागण, पक्षकारगण एवं उन सभी हितधारकों को जिन्होंने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से इस नेशनल लोक अदालत को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
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