रायपुर। इतिहास हमेशा संघर्षशील समाज का होता है। छत्तीसगढ़ राज्य एक संघर्ष का परिणाम है जिसमें छत्तीसगढ़ के माटी पुत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, बुद्धिजीवी, पत्रकारों, किसान, मजदूर, छात्र, महिलाओं ने एक साथ राज्य आंदोलन का किया समर्थन, जिसके संघर्षकर्ता प्रथम दिवस से राज्य आंदोलन को घर-घर अलख जगाना है, छत्तीसगढ़ राज्य बनाना है के नारे को हर छत्तीसगढ़िया और प्रदेश के युवाजन के हृदय में जगह बना दी। जो लोग छत्तीसगढ़ राज्य के कट्टर दुश्मन थे, सत्ताधारी दल सहित छत्तीसगढ़ के
विरोधी संगठनों ने राज्य आंदोलनकारियों के साथ अपना अहंकार छोड़कर राज्य निर्माण में सहयोग दिया। बिना खून-खराबे के 01 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण देश के प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी जी ने ढाई करोड़ छत्तीसगढ़ियों को सौंप दिया। आज छत्तीसगढ़ संपूर्ण भारत में अपना विशिष्ट पहचान बना रहा है। छत्तीसगढ़ के नेता भ्रष्ट हैं, आईएएस, आईपीएस जिन्हें हम शिक्षित कहते हैं वे छत्तीसगढ़ के पाकिस्तानी दुश्मन जैसे हैं। राज्य आंदोलनकारियों का नारा है “मंत्री संतरी सचिव छोड़ छत्तीसगढ़वासी है सीधवा” छत्तीसगढ़ का मनुष्य हर समाज हर प्रांत को अपने हृदय में जगह देता है, अपना भोजन के साथ काम, सम्मान, अधिकार देता है। जिसका दुरूपयोग कर अन्य प्रांत के लोग छत्तीसगढ़ का कर रहे हैं शोषण। यह शोषण जारी रहा तो वह दिन दूर नहीं जिस दिन बाहरी लोगों को मेहमानों की तरह वापस जाना होगा। छत्तीसगढ़ के जिलाधीश, सचिव, पुलिस अधीक्षक, सहित कर्णधार चरित्रहीन, धनलोलुप के साथ दलाल के रूप में अपनी छवि बना रहे हैं। छत्तीसगढ़ की राजधानी आज शराबमय, ड्रगमय है, संविधान के अनुरूप चलने को कोई तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने घोषणा किया है 2 वर्ष बाद प्रदेश में नियम, संविधान, कानून के अनुरूप चलेगा प्रदेश। यह प्रदेश माननीय न्यायालय, उच्च न्यायालय, सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का परिपालन करने में असक्षम है। जिलाधीश सहित सचिव कर रहे हैं अवमानना। ऐसी स्थिति का एक प्रमाण राज्य आंदोलनकारियों ने गांधीवादी अहिंसा पर आधारित आंदोलन कर प्रमाणित किया जो लगभग 3 वर्ष 8 माह से सतत चल रहा है जिसमें भारत सरकार की भूमि से लेकर किसानों की भूमि, भ्रष्टाचार भ्रष्ट अधिकारियों के प्रशासनिक डकैती का प्रमाण अवैध करणी कृपा है जिस पर मुख्यमंत्री ने भी न्यायालय में न्याय के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। आंदोलनकारियों की यह जीत छत्तीसगढ़ सहित संपूर्ण भारत में एक मिसाल बनकर सामने आया है। जिसमें आदिवासियों की भूमि, सशर्त डायवर्सन, प्रदूषण जैसे प्रमाणित दस्तावेज के बाद अधिकारी किराये में अवैध उद्योग का पंचा संचालित करा रहे हैं। यह धंधा संपूर्ण छत्तीसगढ़ में चल रहा है जिससे प्रतिमाह सौ करोड़ रूपया सत्ताधारी दल को मिलता है। जिस प्रकार शराब का अवैध धंधा संचालित हो रहा था राज्य आंदोलनकारियों ने अवैध उद्योग का धंधा सामने लाया है। परन्तु छत्तीसगढ़ अधिकारियों की डकैती से बेहाल है। दर्जनों अधिकारी जेल में हैं। मुख्यमंत्री जी यह बताईये कि शराब कारखाना सरकार को शराब बनाकर दे रही है साथ में दो नंबर के शराब बिक्री के लिए भी शराब बना रही है और वह भाजपा-कांग्रेस को बराबरी का अपने व्यापार में हिस्सेदारी दे रखा है। शराब घोटाले में मुख्यमंत्री के पुत्र आबकारी मंत्री, आबकारी सचिव जेल में बंद हैं। शराब कारखाने वाले मुख्यमंत्री निवास में पड़ल्ले से आते-जाते हैं। ऐसा क्यों है? जवाब दो ।
क्या भाजपा की सरकार शराब कारखाने वाले चलाते हैं? यह प्रश्न आमजनता के मन में है। भ्रष्ट लोग हिस्सेदार हैं। राज्य आंदोलनकारी राज्योत्सव प्रथम 1 नवंबर 2000 को प्रारंभ किया जिसका परिपालन तत्कालिक मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी ने शुरू किया। आज राज्य आंदोलनकारी अपना 26वाँ राज्योत्सव राजधानी में मना रहे हैं। 25वें राज्योत्सव में दर्जनों कार्यक्रम विभिन्न जिलों में राज्य आंदोलनकारियों ने संपन्न किया है। आज छत्तीसगढ़ के स्थानीय बेरोजगारों के लिए मुहिम छेड़ने वाले छबेस (छत्तीसगढ़ बेरोजगार संघ) के प्रदेश उपाध्यक्ष स्व. जितेन्द्र साहू, कोरबा शारीरिक रूप से विकलांग द्वारा विषपान का मुख्यमंत्री निवास के समक्ष अपनी घोषणा के अनुरूप अपना देह त्याग कर दिया और वहीं स्थिति तत्कालिन मुख्यमंत्री की हो गई थी। आज भ्रष्ट भूपेश बघेल की स्थिति शराब कोचिया जैसी है। वह स्थिति में वर्तमान मुख्यमंत्री न आये और छत्तीसगढ़ की सेवा करें ऐसी हमारी आशा है। कार्यक्रम 31 अक्टूबर को राजधानी के विभिन्न सड़कों पर छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संध्या 8 बजे छत्तीसगढ़ी भवन के समक्ष “दूध मोंगरा” के 45 कलाकारों द्वारा लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रम 1 नवंबर गोधूली बेला 4 बजे छत्तीसगढ़ी भवन के सामने छत्तीसगढ़ महतारी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण राज्य आंदोलनकारी सर्वश्री दीनदयाल वर्मा, हरिशंकर दुबे, जागेश्वर प्रसाद, जी.पी. चंद्राकर, अनिल दुबे, लालाराम वर्मा, चेतन देवांगन, वेगेन्द्र सोनबेर, बृजबिहारीलाल साहू, अशोक कश्यप, छन्नू साहू, महेन्द्र कौशिक, विमल ताम्रकार, भुवनलाल पटेल, सतमन साय, गोवर्धन वर्मा, श्यामूराम सेन, मुनुबाई पटेल, राधा बाई सिन्हा, रितु महंत सहित राज्य आंदोलनकारियों की उपस्थिति में संपन्न होगा। जिसमें आरती के साथ आतिशबाजी कर मनायेंगे राज्योत्सव। पत्रकारों को भी आमंत्रित किया गया है।
https://t.me/MediaPassion1
मीडिया पैशन के व्हाट्स ऐप चैनल को अभी ज्वाइन करें
https://whatsapp.com/channel/0029VaFDqecHwXbGsQkLhI18

