नए रायपुर के किसानों की समस्या भाजपा के रमन सरकार की देन, भूपेश सरकार का फोकस समाधान पर

8 में से 6 मांगों पर बनी सहमति पर आदेश जारी, 7 मार्च से प्रारंभ होगा पट्टों का वितरण, किसानों की मांग पर भूपेश सरकार गंभीर

रायपुर/03 मार्च 2022। नवा रायपुर अटल नगर के प्रभावित किसानों के आंदोलन पर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि नई राजधानी क्षेत्र के किसानों की समस्या रमन सरकार की देन है। किसान विरोधी निर्णय, छल, कपट और वादाखिलाफी ही भाजपा का चरित्र है। 2006 और 2013 में प्रभावित किसानों के साथ किए गए वादे और 2006 तथा 2013 में आपसी सहमति से तय पुनर्वास योजना की शर्तों का पालन रमन सरकार ने अंत तक नहीं किया। भूपेश सरकार ने तो किसानों से बातचीत कर मंत्रिमंडल स्तरीय कमेटी बनाई और किसानों के 8 मांग में से 6 मांगों को तत्काल पूरा करते हुए आदेश भी जारी कर दिया है। शेष 2 मांगों पर भी सदभावना पूर्वक विचार जारी है। नई राजधानी क्षेत्र के प्राभावित किसानों को पात्रतानुसार 1200 से 2500 वर्गफीट आवासीय पट्टा वितरण की कार्यवाही 7 मार्च से शुरू की जा रही है। प्राधिकरण के संचालक मण्डल की 25 फरवरी को आयोजित बैठक में शासन द्वारा गठित मंत्रीमंडलीय समिति द्वारा की गई 6 प्रमुख सिफारिशों को मान्य करते हुए उन पर अमल करने का आदेश जारी कर दिया गया है। पहले दिन से ही भूपेश बघेल सरकार गांव, गरीब, किसान, आदिवासी, युवा और महिलाओं के हित में लगातार निर्णय ले रही हैं और आगे भी बाकी के मांगों पर सदभावना पूर्वक विचार जारी रहेगा।

प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि रमन सरकार के दौरान नई राजधानी में केवल कमीशनखोरी के लालच में बिना बसाहट के रोड-रस्तों के निर्माण में 14,000 करोड़ से अधिक की राशि फूक दी गई। दो दो मंजिल की बिल्डिंग में 4-4 लिफ्ट लगाए गए, रमन सरकार के दौरान नई राजधानी में बनाए गए कमर्शियल कंपलेक्स की लागत 10 गुना बढ़ाकर 9425 प्रति वर्ग फुट बताया गया, लेकिन प्रभावित किसानों को उनका हक नहीं दिया गया। विदित हो कि रमन सरकार के दौरान 2013 से एनआरडीए की ऑडिट नहीं करवाई गई थी जिसके कारण सीएजी की आपत्ति की वजह से किसानों को दी जाने वाली राशी रोकी गई थी। संचालक मण्डल द्वारा किसानों के पक्ष में ऑडिट आपत्तियों के निराकरण हेतु सिंचित एवं असिंचित भूमि के संबंध में पटवारी दस्तावेज एवं वृक्षों के संबंध में वनपाल की रिपोर्ट को प्रमाण मानकर आपत्तियों का निराकरण किये जाने का निर्णय लिया गया है। एनआरएएनव्हीपी द्वारा की जाने वाली आगामी निविदाओं में 60 प्रतिशत कर्मचारी प्रभावित ग्राम से हो, यह शर्त जोड़ने की सहमति दी गई है। 75 प्रतिशत दुकान, गुमटी चबूतरा एवं हॉल का आबंटन लागत मूल्य पर परियोजना प्रभावित परिवारों को किया जायेगा। नवा रायपुर अटल नगर के लेयर-2 के ग्रामों में जमीन की खरीदी-बिक्री के लिए अनुमति की आवश्यकताओं से मुक्त करने की भी अनुशंसा भी कर दी गई है। यह सभी प्रक्रिया आगामी तीन माह में पूर्ण करने के निर्देश दिये गये हैं। एनआरएएनव्हीपी द्वारा पट्टा वितरण प्रारंभ करने की संभावित तिथि भी निर्धारित कर दी गई है। सामाजिक न्याय भूपेश बघेल सरकार की प्राथमिकता है। जिस प्रकार से पूरे प्रदेश के किसानों के साथ अन्याय हुआ है, भूमिहीन कृषि मजदूरों के साथ न्याय हुआ है, उसी तरह भूपेश सरकार में अब नई राजधानी के किसानों के साथ भी न्याय हो रहा है।