आर्थिक गतिविधियों के ज़रिए व्यावसायिकरण के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रही हैं स्वसहायता समूहों की महिलाएं

’भरतपुर के कोरिया मसाला उद्योग ने जिले को राष्ट्रीय स्तर पर दिलाई पहचान’’विभिन्न प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार की ओर बढ़ रही रुचि’
कोरिया 21 मार्च 2022/ जिले में स्वसहायता समूह की महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से स्वयं सशक्त होने के साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। स्वसहायता समूहों की महिलाएं आर्थिक गतिविधियों से व्यावसायिकरण के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही है, जिससे जिले की ग्रामीण एवं वनांचल क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार की प्राप्ति के साथ ही नई पहचान बनाने में मदद मिल रही है।
विकासखण्ड भरतपुर में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत गठित कोरिया महिला गृह उद्योग संकुल संगठन खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। संकुल संगठन के अंतर्गत पांच महिला स्वसहायता समूह की 50 महिलाओं द्वारा मसाला प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के मसाले हल्दी, मिर्च व धनिया पाउडर, कसूरी मेथी, अचार मसाला आदि का निर्माण और पैकेजिंग का काम किया जा रहा है।
संगठन की अध्यक्ष श्रीमती नीलिमा चतुर्वेदी ने बताया कि महिलाओं द्वारा खड़े मसालों की सफाई कर हाथों से पीसकर बनाया जाता है। इसके बाद मशीन से पैकिंग कर वंदना ब्रांड के नाम से बाजार में बेचा जा रहा है। मसालों को स्थानीय बाज़ार के साथ ही साथ स्कूल, आश्रम-छात्रावासों और आंगनबाड़ी केंद्रों में भी विक्रय किया जा रहा है। स्थानीय बाज़ारों में लोगों द्वारा समूह द्वारा उत्पादित मसालों को काफी पसंद किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राजधानी रायपुर में आयोजित तीन दिवसीय महिला मड़ई में संगठन ने स्टॉल लगाकर जिले की नारीशक्ति का प्रदर्शन करते हुए स्वनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई। शिविर में राज्यभर के महिला समूहों के बीच उत्कृष्ट प्रदर्शन कोरिया महिला समूह को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिले के मसाला उद्योग को देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित सरस मेले में भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है।

’जिले में स्थापित प्रसंस्करण इकाइयां -’
जिले में ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत बिहान योजना के तहत 03 मसाला एवं 58 मिनी राइस मिल की स्थापना की गई। कृषि विभाग द्वारा स्थापित 05 दाल मिल, 97 आटा चक्की सह मिनिराइस मिल एवं 51 राइस मिल ने ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वरोजगार की ओर आगे बढ़ाया है। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केंद्र के अंर्तगत कुल 05 इकाइयों की स्थापना की गई, जिनमें मिनी राइस मिल, दाल मिल, तेल मिल, सीड ग्रेडिंग संयंत्र ईकाई, दूध प्रसंस्करण इकाई शामिल है। कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा कृषकों को संगठित कर किसान उत्पादक संगठन कोरिया एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की स्थापना की गई। संगठन में 573 पंजीकृत कृषक है, जिसमे आदिवासी कृषकों की भागीदारी 72 प्रतिशत है।
वन विभाग द्वारा स्थापित 04 माहुल पत्ता प्रसंस्करण इकाई, 04 लाख प्रसंस्करण इकाई, 04 लघु वनोपज प्रसंस्करण इकाई से वनानांचल के निवासियों को आर्थिक प्रगति की राह मिली है। जिले में माहुल पत्ता से दोना निर्माण में लगी स्व सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त हुए हैं।