आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार का “ट्रांसपोर्ट फार ऑल चैलेंज

रायपुर। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार ने “ट्रांसपोर्ट फार ऑल चैलेंज” के चैंपियन शहरों की घोषणा करते हुए छत्तीसगढ़ से रायपुर स्मार्ट सिटी लिमि. को स्टेज-1 चैंपियन शहरों में सम्मिलित किया है। राज्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में 130 शहरों के मध्य आयोजित प्रतिस्पर्धा के परिणाम की घोषणा की, जिनमें 46 शहरों ने प्रतिस्पर्धा के दूसरे चरण के लिए क्वालिफाई किया है।

सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए समाधान विकसित करने हेतु परिवहन और विकास नीति संस्थान (आईटीडीपी) के साथ साझेदारी में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2021 में “ट्रांसपोर्ट फार ऑल चैलेंज” शुरू किया गया था। प्रतिस्पर्धा के दूसरे चरण में स्टार्टअप के साथ मिलकर प्राप्त सुझावों के अनुरूप ऐसे समाधान विकसित किए जाएंगे, जिससे सार्वजनिक परिवहन जन सामान्य के लिए अधिकाधिक सुगम व उपयोगी बन सके।

प्रतिस्पर्धा के प्रथम चरण में रायपुर ने शैक्षणिक संस्थानों, स्वयंसेवी एवं सार्वजनिक संगठन के साथ परिवहन के क्षेत्र में काम करने वाले प्रमुख शासकीय हितधारकों को सम्मिलित करते हुए “ट्रांसपोर्ट फॉर ऑल” टास्क फोर्स का गठन किया। स्मार्ट सिटी रायपुर में 3000 से अधिक नागरिकों, 480 बस चालकों और परिचालकों तथा 500 अनौपचारिक सार्वजनिक परिवहन चालकों के मध्य व्यापक सर्वेक्षण किया गया।

इस सर्वेक्षण से मिले फीडबैक के आधार पर सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा, अनियमित यातायात, पार्किंग स्थलों के बेहतर प्रबंध, निगरानी प्रणाली एवं सार्वजनिक परिवहन वाहनों के रख-रखाव जैसे 5 समस्याओं को चिन्हित किया गया। इस सर्वेक्षण में व्यस्ततम मार्ग में सुगम यातायात, सार्वजनिक वाहनों की त्वरित उपलब्धता, पहुंच योग्य यात्री प्रतीक्षालय, सार्वजनिक वाहनों के संचालन में समय प्रबंधन जैसी चुनौतियों को भी इस सर्वे में शामिल किया गया।

रायपुर को उन 46 चैंपियन शहरों में शामिल किया गया है, जिन्होंने इस प्रतिस्पर्धा के दूसरे चरण में प्रवेश किया है। चयनित शहरों से प्राप्त फीडबैक में से चैलेंज टीम द्वारा 10 प्रमुख समस्या मूलक सुझावों को चिन्हित कर समस्या विवरण तैयार किया जाएगा।

प्रतिस्पर्धा के द्वितीय चरण में सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित, सुविधाजनक, किफायती और सभी के लिए सुलभ बनाने में मदद करने के लिए चयनित शहर समाधान बनाने और परीक्षण करने के लिए स्टार्टअप के साथ मिलकर काम करेंगे। नागरिक सेवा, योजना प्रबंधन एवं निगरानी, यात्री सूचना और सम्प्रेषण, किराया, भुगतान, वित्त पोषण, विनियमन, और बस परिवहन आदि समाधान की प्राथमिकताओं में शामिल रहेंगे।

ज्ञात हो कि कोरोना की विषम परिस्थितियों के बाद अब भारतीय शहरों में सार्वजनिक परिवहन में निवेश एक महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में व्यापक सुधार के साथ ही साथ उपयोगकर्ता के अनुभव को बेहतर बनाने कई डिजीटल नवाचार की जरूरत भी महसूस की जा रही है। भारत सरकार ने आई.टी.डी.पी. के सहयोग से ट्रांसपोर्ट फॉर ऑल चैलेंज शुरू किया है। इस प्रतिस्पर्धा का मुख्य उद्देश्य शहरों में निवासरत नागरिक समूहों और स्टार्टअप को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर समस्याओं के संबंध में ऐसे समाधान विकसित किया जाना है, जो आम नागरिकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में सुधार ला सकें।

इस प्रतिस्पर्धा के मूल में वे नागरिक है, जो इस परिवहन प्रणाली के उपयोगकर्ता होंगे एवं अपनी समस्याओं से अवगत कराकर स्टार्टअप और शहरों को उनकी जरूरतों के अनुरूप समाधानों को परिष्कृत करने में सहायता करेंगे। प्रतिस्पर्धा का पहला क्रम डिजीटल इनोवेशन पर आधारित रहा। शहरों और स्टार्टअप्स को विभिन्न समाधानों को विकसित करने, सीखने, परीक्षण करने और सार्वजनिक परिवहन में लोगों का विश्वास बनाने, उनकी गतिशीलता बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त होगा। प्रतिस्पर्धा से प्राप्त समाधान सार्वजनिक परिवहन को औपचारिक और अनौपचारिक, सुरक्षित, सुविधाजनक और सभी के लिए उपयोगी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।

प्रतिस्पर्धा के तृतीय चरण में पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर नागरिकों की प्रतिक्रिया के आधार पर समाधानों को परिष्कृत किया जाएगा।