बृजमोहन अग्रवाल और भाजपा को भृत्य के पद से इतनी नफरत क्यों है?

रायपुर: पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल के बयान में भाजपा का अहंकार और वर्गभेद झलक रहा है। भाजपा नेताओं को भृत्य के पद से इतनी नफरत क्यों है? क्या भृत्य का पद इतना छोटा है? भाजपा के नजर में भृत्य के पद पर कार्य करने वालो का क्या कोई मान सम्मान नही है?

लोक सेवा आयोग के माध्यम से भृत्य के पदों में भर्ती की प्रक्रिया चल रही है इससे भाजपा को आपत्ति क्यो हो रही है? किसी भी सरकारी दफ्तर के सेटअप की एक कड़ी भृत्य भी है। क्या बिना भृत्य के दफ्तर की कल्पना भी की जा सकती है। बृजमोहन के बयान से सेठ साहूकारों की पार्टी भाजपा के नेताओं के भृत्य पद में कार्य करने वालो से जो नफरत है जो सामने आया है। राज्य लोकसेवा आयोग विभिन्न संवर्ग की परीक्षा लेता है। विभिन्न विभागों में अनेकों पदों की भर्तियां आयोग लेते रहा है। उसमें भाजपा ने कभी आपत्ति नही जताया चपरासियों की भर्ती से भाजपा के सामंती और अभिज्यात मानसिकता को ठेस लग गयी वह विरोध पर उतर आई है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल के रमन भाजपा शासनकाल में कभी सीधी भर्ती नहीं हुई मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की सरकार 14580 शिक्षकों की सीधी भर्ती की पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, वन विभाग, कृषि विभाग सहित सभी सरकारी विभागों में सीधी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। अब भृत्य के 80 पदों पर भी सीधी भर्ती कर आठवीं दसवीं तक शिक्षा ग्रहण करने वालों को सरकारी नौकरी का अवसर प्रदान किया जा रहा है इससे भाजपा को पीड़ा हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा कि केंद्र और राज्य की सरकारें युवाओं को परमानेंट नौकरी देने के खिलाफ में हैं भाजपा की अटल सरकार ने तो पेंशन योजना को बंद कर सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद के भविष्य को अंधकारमय किया है अभी मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गई सेना में भर्ती की प्रक्रिया में जो बदलाव किया गया है जिसके खिलाफ देशभर के युवा आक्रोशित और गुस्से में है ऐसे में भाजपा के नेताओं को छत्तीसगढ़ हो रही विभिन्न सरकारी पदों में सीधी भर्ती प्रक्रिया से पीड़ा होना स्वाभाविक बात है