रायपुर /13 जुलाई 2022/ भाजपा के स्नेह यात्रा पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश और आगामी राज्यों के विधानसभा चुनाव तक वोट के लिये है, भाजपा कि स्नेह यात्रा चुनाव खत्म होते ही भाजपा अपने मूल एजेंडे पर आ जाएगी और धर्म से धर्म को लड़ा कर, जात से जात को लड़ा कर भाईचारा और सामाजिक समरसता को कुचलने की चेष्टा करेगी।
देश 8 साल से देख रहा है किस प्रकार से भाजपा के नेता उन्मादी बयानबाजी कर नफरती कीटाणु छोड़कर सामाजिक सद्भाव को नाश करने का प्रयास कर रहे है। भाजपा के द्वारा फैलाई गई कटुता की जहर का प्रभाव अब भाजपा के सत्ता लोलूपत्ता पर चोट करने लगा तब भाजपा कटुता छोड़कर स्नेह की मार्ग पकड़ रही।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा का स्नेह यात्रा भी मुंह में राम और बगल में छुरी वाली ज्यादा प्रतीत होती है। कहने को तो भाजपा स्नेह यात्रा का ढिंढोरा पीट रही है लेकिन जिन राज्यों में अभी चुनाव होने वाले हैं उन राज्यों में भाजपा के सहयोगी संगठन धार्मिक उन्माद फैलाने जात पात की लड़ाई कराने की कोशिश में लगे हुए। ताकि चुनाव जीतने के लिए अब भाजपा को हर वर्ग हर धर्म कुछ दिनों के लिये का वोट चाहिए और वोट के लिए भाजपा को अब आरएसएस की कटुता और तोड़ने वाली विषैली उन्मादी विचारधारा को किनारे कर अब वोट के लिए स्नेह यात्रा का सहारा लेना पड़ रहा है। भाजपा के स्नेह यात्रा से एक बात तो स्पष्ट है कि भाजपा के भीतर ही स्नेह नहीं है इसीलिए उन्हें अब स्नेह ढूंढने सड़कों पर आना पड़ा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेताओं को अब समझ में आ गया है कि भड़काऊ और उन्मादी भाषण बाजी कर ज्यादा दिन तक राजनीति नहीं की जा सकती, देश की जनता का दिल जीतने के लिए अहिंसा और स्नेह के मार्ग पर चलना पड़ेगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा को देशभर में स्नेह यात्रा निकालने से पहले अपने नेताओं के विषैले और उन्मादी ज्ञान देने वाले नेताओं के जबान पर लगाम लगाना चाहिए। भाजपा को देश भर में अपने कार्यकर्ताओं नेताओं के लिए पहले स्नेह की पाठशाला लगानी चाहिये। अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के मन में बैठे मेल को साफ करना चाहिए। जिसकी उम्मीद नहीं है भाजपा के नेता जब भी बोलेंगे जहरीला ही बोलेंगे लोगों को दिल दुखाने वाला बोलेंगे और तोड़ने वाले भाषा ही बोलेंगे, जोड़ने की कला भाजपा को आर एस एस ने अब तक नहीं सिखाया है।