राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष दलीय राजनीति के कारण गलत बयानी कर रही

रायपुर/13 सितंबर 2022। राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष के बयान को तथ्यहीन आधारहीन बताते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष दलीय राजनीति के कारण गलत बयानी कर रही। राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष को शराब के मामले में बयान देने से पहले आंकड़ों का अध्ययन कर लेना चाहिए।

पूर्व के रमन सरकार के दौरान प्रति व्यक्ति शराब की खपत के मामले में छत्तीसगढ़ देश में नंबर वन था, आज 14 वें नंबर पर है। छत्तीसगढ़ में नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं। पॉक्सो एक्ट के मामले में उत्तरप्रदेश देश मे नम्बर वन तो मध्यप्रदेश दूसरे नम्बर पर है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में अभी हाल में जेल में बंद 11 बलात्कारियों को रिहा कर दिया, इस विषय पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने क्या कार्यवाही की, छत्तीसगढ़ में बताना चाहिए?

कठुआ और उन्नाव में बलात्कारियों के पक्ष में भाजपा के नेता सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहे थे पीड़िता को डराया धमकाया जाता रहा है क्या राष्ट्रीय महिला आयोग ने पीड़ितों को न्याय दिलाने कोई कार्यवाही की है?

मध्यप्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से शराब की दुकान खोली गई है घर-घर में 5 लीटर शराब रखने की अनुमति दी गई है भाजपा आंध्र प्रदेश में सरकार बनने पर 50रु लीटर में शराब उपलब्ध कराने का वादा कर रही है क्या राष्ट्रीय महिला आयोग ने इन विषयों को संज्ञान में लेकर मध्य प्रदेश सरकार और भाजपा को कोई नोटिस जारी किया है?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार शराबबंदी के लिए राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक कमेटी का गठन किया है राजनीतिक कमेटी में भाजपा के विधायकों को भी शामिल होने आमंत्रित किया गया लेकिन भाजपा के विधायक शराबबंदी के लिए गठित कमेटी में शामिल नहीं हुए हैं

सामाजिक कमेटी ने बैठक कर राज्य सरकार को शराबबंदी के दिशा में आगे बढ़ने के लिए जन जागरण अभियान चलाकर शराबबंदी के आगे बढ़ने का सुझाव दिया है साथ ही अचानक शराबबंदी होने से होने वाले जनहानि के लिए भी सचेत किया है

छत्तीसगढ़ में 100 से अधिक शराब दुकानों को बंद किया गया है सरकार के द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का ही परिणाम है कि शराब की बिक्री में गिरावट आई है।