छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू आरएसएस थानों में रिपोर्ट क्यों नहीं लिखवाता?
रायपुर/02 नवंबर 2021। मुद्दाविहीन भाजपा की डूबती राजनीति को बचाने के लिये संघ एक बार फिर धर्मांतरण का झूठा राग अलाप रहा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण जैसी कोई बात है ही नहीं। छत्तीसगढ़ में सभी धर्मावलंबी एक दूसरे के धर्म का पूरा सम्मान करते हुये भाईचारा से रह रहे है। राज्य में जबरिया धर्मांतरण या प्रलोभन देकर धर्मांतरण की बातें आरएसएस और भाजपा का दिमागी फितूर है। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण विरोधी कानून अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से लागू है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कही भी जबरिया धर्मांतरण की कोई भी शिकायत आयेगी उस पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। आज तक किसी भी भाजपा आरएसएस के नेता ने प्रदेश के किसी भी थाने में जबरिया धर्मांतरण के खिलाफ न एक रिपोर्ट लिखाई और न किसी पीड़ित को सामने किया।
दरअसल भाजपा आरएसएस के पास ऐसा कोई प्रमाण है ही नहीं। आरएसएस एक धर्मांतरण की बातें करके बहुसंख्यक वर्ग में भ्रम फैलाकर भाजपा के राजनैतिक आकांक्षाओं की पूर्ति करना चाहती है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास जनहित के मुद्दों को उठाने के लिये कोई विषय ही नहीं बचा है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार हर वर्ग के भले के लिये काम कर रही है। किसान, युवा, आदिवासी महिला, मजदूर किसी की कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिस पर जनता का ध्यान खींच सके ऐसे में भाजपा अपने राजनैतिक पुर्नव्यवस्थापन के लिये आरएसएस के साथ मिलकर धर्मांतरण और सांप्रदायिकता का गंदा खेल खेलने का षड़यंत्र कर रही है। बहुसंख्यक वर्ग में धर्म की हानि का भय दिखा कर भाजपा मतों का ध्रुवीकरण करना चाहती है, लेकिन देश की जनता भाजपा के सांप्रदायिक चरित्र को पहचान चुकी है। अब उनकी विद्वेष फैलाने की राजनीति नहीं चलने वाली।